Saturday, March 15, 2025
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HMPV वायरस से गर्भवती महिलाओं को हो सकता है मिस्कैरेज, बच्चों को भी है खतरा, एक्सपर्ट से जानें बचने का तरीका



नोएडा: देशभर में अलग-अलग राज्यों से HMPV के अब तक कुल 11 केस सामने आ चुके हैं. एक केस की पुष्टि गुरुवार को यूपी के लखनऊ में हुई है. इसे लेकर अब लोगों के अंदर डर का माहौल पैदा होने लगा है. हम यहां सिर्फ छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाओं की बात कर रहे हैं. इस बारे में नोएडा के सेक्टर-110 स्थित सीएचसी भंगेल में तैनात गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ. मीरा पाठक ने हाल ही में HMPV (ह्यूमन मेटा-न्यूमो वायरस) से बचाव के लिए गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को जरूरी सलाह दी है. उन्होंने बताया कि HMPV के लक्षण आमतौर पर सर्दी-खांसी और बुखार जैसे होते हैं. संक्रमण के लक्षण संक्रमित होने के तीन से पांच दिन के भीतर सामने आते हैं. खासकर गर्भवती महिलाएं, पांच साल से कम उम्र के बच्चे, और छः महीने से छोटे शिशु या जो पहले से किसी बीमारी से ग्रसित हैं उन्हें इस वायरस से अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत बताई गई है.

HMPV क्या है?
डॉ. मीरा पाठक ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि यह वायरस नया नहीं है और अधिकांश लोग इससे पहले ही संक्रमित हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि HMPV कोरोना वायरस की तरह खतरनाक नहीं है, क्योंकि इससे लोगों के शरीर में पहले से ही इम्युनिटी विकसित हो चुकी है. एम्स द्वारा की गई एक स्टडी में पाया गया है कि लगभग 12 प्रतिशत सामान्य सर्दी के मामले HMPV से जुड़े होते हैं. हालांकि, यह घातक नहीं है, लेकिन बचाव और सतर्कता बेहद जरूरी है.

लक्षण और बचाव के उपाय
डॉ. पाठक ने लोकल 18 को दिए इंटरव्यू में बताया कि HMPV के लक्षण सर्दी, खांसी और हल्के बुखार जैसे होते हैं. यदि किसी को इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होता है तो उन्हें तुरंत जांच करानी चाहिए और जरूरी सावधानियां अपनानी चाहिए. यह वायरस खांसने, छींकने और हैंडशेक के जरिए फैलता है. वर्तमान में वायरल संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है इसलिए पैनिक न होकर प्रिकॉशंस लेना जरूरी है.

गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी सलाह
डॉ. पाठक ने गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है. उन्होंने बताया कि HMPV प्लेसेंटा के जरिए गर्भ में पल रहे बच्चे तक नहीं पहुंचता है लेकिन, यदि गर्भवती महिला को वायरल संक्रमण होता है तो पहले और दूसरे ट्राइमेस्टर में मिसकैरेज का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें. पब्लिक प्लेसेज और शॉपिंग से दूरी बनाए रखें. घर में ऑक्सीजन वाले पौधे लगाएं और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. बाहर का खाना न खाएं. फल, हरी और सीजनल सब्जियां, प्रोटीन और विटामिन-सी वाले खाद्य पदार्थ अपने आहार में शामिल करें और हाथों को बार बार धोने के साथ-साथ अपने आसपास की सफाई का ध्यान रखें.

घबराने की जरूरत नहीं
डॉ. पाठक ने कहा कि HMPV में केवल 1% मामलों में गंभीर जटिलताएं देखने को मिलती हैं. इसलिए पैनिक होने की जरूरत नहीं है. सही प्रिकॉशंस अपनाकर और डॉक्टर की सलाह लेकर इस वायरस से बचा जा सकता है. गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चों के माता-पिता यदि इस वायरस के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करेंगे और समय पर सावधानियां बरतेंगे तो इससे खुद और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं.

Tags: Local18, Noida information



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