Final Up to date:
विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट से संन्यास ने भारतीय क्रिकेट टीम की तस्वीर बदल दी है. अब गौतम गंभीर टीम इंडिया के सुपर बॉस बन गए हैं. नया कप्तान जो भी बने, वह गंभीर के साये में ही फैसले लेने को मजबूर हो सकत…और पढ़ें

कोच गौतम गंभीर के साथ रोहित शर्मा और विराट कोहली. (File Photograph)
हाइलाइट्स
- एक हफ्ते में बदली भारतीय क्रिकेट टीम की तस्वीर.
- रोहित के बाद विराट कोहली ने लिया टेस्ट से संन्यास.
- कोच गौतम गंभीर के साये में रह सकता है नया कप्तान.
नई दिल्ली. गौतम गंभीर कोच बनने के एक साल के भीतर टीम इंडिया के सुपर बॉस भी बन गए हैं. विराट कोहली के संन्यास के बाद अब भारतीय क्रिकेट टीम में ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं है जो कोच पर सवाल उठा सके. ऐसा कोई कप्तान भी नहीं, जो टीम का बिगड़ता संतुलन संभाल सके. यह स्थिति दोधारी तलवार जैसी है, जो भारत को नुकसान पहुंचा सकती है. इतिहास गवाह है कि जब-जब कोच, भारतीय टीम के कप्तान पर हावी हुआ है, अच्छे रिजल्ट नहीं आए हैं.
किसी भी टीम का कोच अक्सर एक पीढ़ी पहले का खिलाड़ी होता है. उसे मैदान पर अनुभवी और जोशीले खिलाड़ियों की जरूरत होती है. अनुभवी खिलाड़ी अक्सर कोच को रास नहीं आते हैं. टीम में अपनी दमदार मौजूदगी रखने वाले खिलाड़ी अपनी राय दमदारी से रखते हैं. वे कोच की स्ट्रेटजी पर सवाल भी करते हैं और कई बार उसे दुरुस्त भी करते हैं.
जादू की छड़ी चलाई और सब गायब…
भारतीय टीम में अब ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं रह गया है. यह सब एक साल के भीतर हुआ है. जैसे जादू की छड़ी चलाई गई हो. जुलाई 2024 में जब गौतम गंभीर कोच बने तो टीम में रोहित शर्मा जैसा कामयाब कप्तान और विराट कोहली जैसा लीडर था. रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे वर्ल्ड क्लास ऑलराउंडर भी थे. और आज जब कोहली ने टेस्ट से संन्यास लिया है तो टेस्ट टीम का सेनापति ही तय नहीं है. रोहित पहले ही टेस्ट फॉर्मेट को अलविदा कह चुके हैं. अश्विन तो इंटरनेशनल क्रिकेट से ही दूर हो चुके हैं.
एक महीने बाद जंग और सेनापति तय नहीं
भारतीय टीम को चंद दिनों बाद इंग्लैंड दौरे पर जाना है. इस दौरे पर भारतीय टीम का कप्तान कौन होगा, अभी यह तय नहीं है. शुभमन गिल, केएल राहुल जैसे खिलाड़ी कप्तान बनने के दावेदार हैं. शुभमन गिल का पलड़ा थोड़ा भारी लग रहा है. केएल राहुल रेस में दूसरे नंबर पर हैं. कुछ लोग इस रेस में ऋषभ पंत को भी शामिल करते हैं लेकिन उनका दावा काफी कमजोर नजर आता है. कप्तानी के स्वाभाविक दावेदार जसप्रीत बुमराह को वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत कप्तानी नहीं सौंपी जानी है.
गंभीर की ताकत का सबको अंदाजा है
सब जानते हैं कि सिर्फ छह महीने तक केएल राहुल की टेस्ट टीम में जगह ही पक्की नहीं थी. अगर रोहित शर्मा और शुभमन गिल चोटिल ना हुए होते तो केएल शायद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच खेल भी ना पाते. ऐसे में कितने भरोसे से कप्तानी करेंगे या कोच के फैसलों से असहमति जता पाएंगे, यह हमेशा सवालों में रहेगा. शुभमन गिल को टी20 मैचों में कप्तानी का अनुभव है लेकिन टेस्ट मैच का नहीं. ऐसे में जब बड़े और कड़े फैसले लेने की बात आएगी तो वे कोच के दबाव में आ सकते हैं. वह भी तब जब उन्होंने एक साल में देखा है कि गौतम गंभीर की ताकत क्या है. हमने पिछले साल देखा कि गंभीर के कहने पर बीसीसीआई ने विदेशी असिस्टेंट कोच रखे. ज्यादातर ऐसे असिस्टेंट कोच जो कभी ना कभी गौतम गंभीर के साथ रहे थे. कोच गंभीर की इस ताकत को देखते हुए अगर टीम का नया कप्तान दबाव में आ जाए तो हैरान नहीं होना चाहिए.
याद आ रहे हैं ग्रेग चैपल के दिन
हम उम्मीद करेंगे कि शुभमन गिल या जो भी टीम इंडिया का नया कप्तान बने, वह कोच के दबाव में नहीं आएगा. वह अपने फैसले स्वतंत्र रहकर लेगा या मिलकर लेगा. डमी कप्तान किसी टीम का भला नहीं कर सकता. बीसीसीआई और इसके चयनकर्ताओं से भी उम्मीद रहेगी कि वे कप्तान को पूरी ताकत दें ताकि 2006-07 वाली स्थिति ना आ पाए. हम सब जानते हैं कि तब ताकतवर कोच ग्रेग चैपल ने टीम के सीनियर खिलाड़ियों को कैसे अपमानित किया था. गंभीर शायद ऐसा ना करें और भारतीय टीम को उनसे यही उम्मीद भी रहेगी.

दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय. अप्रैल 2020 से News18Hindi में बतौर एसोसिएट एडिटर स्पोर्ट्स की जिम्मेदारी. न्यूज18हिंदी से पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला अखबारों में पेज-1, खेल, देश-विदेश, इलेक्शन ड…और पढ़ें
दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय. अप्रैल 2020 से News18Hindi में बतौर एसोसिएट एडिटर स्पोर्ट्स की जिम्मेदारी. न्यूज18हिंदी से पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला अखबारों में पेज-1, खेल, देश-विदेश, इलेक्शन ड… और पढ़ें