Saturday, March 15, 2025
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Explained: भारत ने कैसे जीती ओलंपिक सत्र की मेजबानी? नीता अंबानी की रही बड़ी भूमिका


मुंबई. जब मुंबई 15 से 17 अक्टूबर, 2023 तक अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के 141वें सत्र की मेजबानी करेगा, तो भारत एक ओलंपिक राष्ट्र के रूप में अपनी यात्रा में एक बड़ी छलांग लगाएगा. भारत में 40 साल के अंतराल के बाद आईओसी सत्र की वापसी हो रही है. नई दिल्ली ने 1983 में IOC सत्र के 86वें संस्करण की मेजबानी की थी. यह मुंबई और भारत के लिए एक प्रतिष्ठित उपलब्धि है, क्योंकि आईओसी सत्र ओलंपिक आयोजनों का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है.

यह निकाय वैश्विक ओलंपिक आयोजनों की प्रमुख गतिविधियों पर चर्चा और निर्णय लेता है, जिसमें ओलंपिक चार्टर को अपनाना या इसमें संशोधन करना, आईओसी सदस्यों और पदाधिकारियों का चुनाव और ओलंपिक के मेजबान शहर का चुनाव शामिल है. उदाहरण के लिए, यदि क्रिकेट ने साल 2028 के लॉस एंजिलिस ओलंपिक खेलों में जगह बना ली है, तो इसकी औपचारिक घोषणा मुंबई सत्र में की जाएगी.

भारत को ओलंपिक सत्र की मेजबानी कैसे मिली?
आईओसी सदस्य के रूप में चुनी जाने वाली पहली भारतीय महिला नीता अंबानी के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने फरवरी 2022 में बीजिंग में 139वें आईओसी सत्र में इसके लिए जमीन तैयार की. मुंबई को अपनी बोली के लिए जबर्दस्त समर्थन मिला और प्रक्रिया में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों से इसके पक्ष में 99% वोट मिले. भारतीय प्रतिनिधिमंडल में ओलंपिक में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय अभिनव बिंद्रा भी शामिल थे.

यह सत्र भारतीय खेलों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा और भारत को वैश्विक खेल मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करेगा. साथ ही खेलों के आयोजन, विश्व स्तरीय प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे, टैलेंट नर्चरिंग और लाखों भारतीय खिलाड़ियों के जीवन को समृद्ध बनाने के कई अवसर खोलेगा. यह भविष्य में युवा ओलंपिक और ओलंपिक खेलों की मेजबानी की भारत की आकांक्षाओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा. नीता अंबानी ने भी मुंबई को ओलंपिक सत्र की मेजबानी मिलने की पुष्टि होने के बाद यह महत्वाकांक्षा व्यक्त की थी कि भारत एक दिन ओलंपिक की मेजबानी करेगा.

मुंबई को ओलंपिक सत्र की मेजबानी मिलने में नीता अंबानी की बड़ी भूमिका
नीता अंबानी, जिन्होंने रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष के रूप में भारत में युवा खेलों की उन्नति में अहम योगदान दिया है, उनकी पहल देश भर में 2.15 करोड़ युवाओं तक पहुंची है. उन्होंने ओलंपिक सत्र की मेजबानी मिलने को भारत की ओलंपिक आकांक्षाओं की दिशा में ‘महत्वपूर्ण विकास’ बताया. उन्होंने कहा, ’40 साल के इंतजार के बाद ओलंपिक सत्र भारत में वापस आ गया है! मैं 2023 में मुंबई में आईओसी सत्र की मेजबानी का सम्मान भारत को सौंपने के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की वास्तव में आभारी हूं.’

उन्होंने कहा, ‘यह भारत की ओलंपिक आकांक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण होगा और भारतीय खेल के लिए एक नए युग की शुरुआत होगी. खेल हमेशा दुनियाभर के लाखों लोगों के लिए आशा और प्रेरणा का प्रतीक रहा है. हम आज दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक हैं और मैं भारत के युवाओं को ओलंपिक के जादू को अपनाने और प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करने के लिए उत्साहित हूं. इस साझेदारी को और मजबूत करना और आने वाले वर्षों में भारत में ओलंपिक खेलों की मेजबानी करना हमारा सपना है!’

भारत की ओलंपिक मेजबानी का IOC अध्यक्ष थॉमस बाख ने समर्थन किया
सीएनबीसी टीवी-18 के साथ हाल ही में एक साक्षात्कार में, आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाख ने ओलंपिक खेलों की मेजबानी की भारत की महत्वाकांक्षाओं का जोरदार समर्थन किया. जब उनसे पूछा गया कि क्या यह विषय मुंबई में आईओसी सत्र में चर्चा के लिए आएगा, बाख ने कहा, ‘यह भारत पर निर्भर है. यहां, हमारे दरवाजे और दिल खुले हैं. भारत ओलंपिक आंदोलन में और अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और ओलंपिक मूवमेंट में भारत की तरह ही विकास की संभावनाएं हैं. निःसंदेह यह बहुत स्वागत योग्य है.’

Tags: India in Olympics, Nita Ambani, Olympics



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