
प्रत्याशियों का फाइल फोटो।
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आखिरकार मतदान की घड़ी आ ही गई। प्रथम चरण का यह चुनाव दिग्गजों की साख का सवाल बन गया है। इसमें मतदान प्रतिशत बढ़ाना प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। बीते तीन लोकसभा चुनाव की बात करें तो सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और नगीना में सबसे अधिक मतदान 2014 के चुनाव में हुआ था। तब ध्रुवीकरण का तापमान चरम पर था। इस चुनाव में सभी सीटें भाजपा ने जीतीं थीं।
वहीं, 2009 और 2019 में हुए चुनाव में मतदान प्रतिशत कम रहा। आंकड़े बताते हैं कि जब-जब मतों का प्रतिशत बढ़ा है, भाजपा को बड़ा फायदा हुआ है। कम वोटिंग होने से हमेशा विपक्ष खुशहाल रहा। चुनाव डेस्क की रिपोर्ट-