पंकज सिंगटा/ शिमलाः भारत में डायबिटीज के मरीजों का आंकड़ा बहुत ज्यादा है. 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 10 करोड़ से ज्यादा डायबिटीज के मरीज हैं और 13 करोड़ से ज्यादा प्री-डायबिटिक लोग हैं. डायबिटीज का असर शरीर के अन्य हिस्सों के साथ-साथ आंखों पर भी पड़ सकता है. डॉक्टर द्वारा डायबिटीज के मरीजों को शुरुआती चरण में अपनी आंखों के इलाज की सलाह दी जाती है. इसके अलावा, डायबिटीज का पता चलने के बाद मरीज को साल में एक बार अपनी आंखों का चेकअप भी करवाना चाहिए.
Local18 से बातचीत में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और आईजीएमसी में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर कार्यरत डॉक्टर प्रवीन पंवर ने बताया कि भारत में डायबिटीज के बहुत ज्यादा मरीज हैं. एक स्टेज पर डायबिटीज की वजह से आंखें भी शामिल हो रही हैं, जिसे डायबिटिक रेटिनोपैथी कहा जाता है.
शुगर के मरीज आंख कराएं चेक
उन्होंने बताया डायबिटीज के कारण आंखों में मौजूद खून की नालियों में बदलाव आना शुरू होता है, जिससे ब्लीडिंग शुरू हो सकती है. इसलिए डायबिटीज वाले लोगों को यह सलाह दी जाती है कि वह एक बार अपनी आंखों को जरूर चेक करवाएं. किसी भी व्यक्ति में डायबिटीज का पता चलने पर उसकी आंखों का चेकअप होना जरूरी है. मरीज की आंखों पर पड़े असर के अनुसार ही इंजेक्शन या लेजर के माध्यम से उसका इलाज किया जाता है.
शुगर कंट्रोल होना बहुत जरूरी
डॉक्टर प्रवीण पंवर ने बताया डायबिटीज वाले मरीजों का शुगर कंट्रोल होना बहुत जरूरी है. यदि शुगर कंट्रोल में है, तो आंख के पर्दे पर उसका असर होने के कम आसार हैं. यदि शुगर कंट्रोल में नहीं है, तो आंख के पर्दे पर डायबिटीज का ज्यादा असर देखने को मिल सकता है. इसी कारण डॉक्टर द्वारा डायबिटीज के मरीजों को शुरुआती चरण में और साल में एक बार आंखों के चेकअप की सलाह दी जाती है.
FIRST PUBLISHED : Might 13, 2024, 17:14 IST