
शहर काजी वकार सादिक।
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Dhar Bhojshala Survey: कमाल मौला मस्जिद विरुद्ध भोजशाला मामला हाईकोर्ट के आदेश के तहत पुरातत्व सर्वे की बारीकियों में उलझा हुआ है। आरोप है कि पुरातत्व विभाग ने भौतिक खुदाई के मस्जिद में गड्ढे कर दिए हैं, जिससे यहां हर जुमा को होने वाली नमाज बाधित होने लगी है। धार शहर काजी ने इन प्रक्रियाओं पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों की अवहेलना करार दिया है। उन्होंने अफसरशाही को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। शहर काजी ने सवाल उठाया हुए कहा कि क्या ऐसा कोई अधिकारी नहीं है, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अक्षरशः पालन करवा सके।
बरसों से जारी व्यवस्था के मुताबिक बीते शुक्रवार को मुस्लिम धर्मावलंबी जुमा की नमाज पढ़ने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पुरातत्व विभाग द्वारा की जा रही प्रक्रिया को नियम विरुद्ध और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के इतर पाया। इसे लेकर शहर काजी वकार सादिक ने मीडिया से कहा कि आर्कोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने मस्जिद के अंदर बाएं तरफ खुदाई कर बड़े बड़े गड्डे कर दिए हैं, जो माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना है। शहर काजी ने बताया कि जिस तरह से वहां खुदाई हुई उससे इस जगह पर नमाजी नमाज पढ़ने से वंचित रह रहे हैं। ये हमारे मूल अधिकारों और मानव अधिकारों का हनन है। शहर काजी ने पूछा कि क्या ऐसा कोई अधिकारी नहीं हैं, जो माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अक्षरशः पालन करा सके? क्या इनके ऊपर कोई अधिकारी नहीं है, यहां कब तक इनकी मनमानी चलेगी? शहर काजी ने ये भी बताया कि माननीय उच्च न्यायालय ने भी अपने आदेश में कहा हैं कि इस प्रकार सर्वे करें कि उस इमारत को किसी प्रकार का कोई नुकसान न हो, लेकिन इन लोगों ने मस्जिद की इमारत का मूल स्वरूप परिवर्तित कर दिया है। ये घोर आपत्तिजनक है और माननीय उच्च न्यायालय और माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना है।
दावा: सदियों से हो रही नमाज
शहर काजी ने बताया की 1307 ईस्वी में मस्जिद बनी थी, तबसे ही इस मस्जिद में निरंतर नमाज जारी है। हर चीज का हमारे पास रिकॉर्ड मौजूद है। इसके अलावा गवर्नमेंट अप्रोर्ड रिकॉर्ड भी हमारे पास मौजूद है, जो इसे मस्जिद सिद्ध करता है। शहर काजी ने सुप्रीम कोर्ट से मांग करते हुए कहा है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट स्वयं संज्ञान ले और खुदाई से मस्जिद का मूल स्वरूप परिवर्तित किया गया है, उसे पुनः अपने मूल स्वरूप में लाया जाए।
अब राजधानी में गूंजेगी पुकार
ऑल इंडिया काजी काउंसिल के काजी नूर उल्लाह यूसुफजाई और काजी सैयद अनस अली नदवी ने कहा हम अदालतों का हमेशा सम्मान करते आए हैं। इसके कई उदाहरण सामने हैं। लेकिन, यह स्थिति और नियम सभी धर्मों, वर्ग, व्यक्ति पर लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा चुनावी हालात खत्म होने के बाद राजधानी भोपाल में भोजशाला मामले को लेकर बड़ा सम्मेलन किया जाएगा। इसमें प्रदेश और देश भर के उलेमा शामिल होंगे। भोजशाला मामले में जारी कार्रवाई, गति अवरोध, विभागों की मनमानी और भविष्य में उससे बनने वाले हालात से प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव को अवगत कराया जाएगा।