Saturday, March 15, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
HomeStatesDelhiDelhi Election 2025 Voting Proportion LIVE Replace; Arvind Kejriwal Atishi | AAP...

Delhi Election 2025 Voting Proportion LIVE Replace; Arvind Kejriwal Atishi | AAP BJP Congress – Jangpura Patparganj Chunav | दिल्ली चुनाव- 70 सीटों पर वोटिंग शुरू: मादीपुर में VVPAT में गड़बड़ी, वोटिंग रुकी; अलका लांबा इंतजार में खड़ीं; संदीप दीक्षित ने वोट डाला


48 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

अब 14 हॉट सीटों पर एक नजर…

1. नई दिल्ली

नई दिल्ली विधानसभा सीट इस बार सिर्फ इसलिए खास नहीं है कि यहां से AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे हैं। बल्कि इसलिए भी है क्योंकि इस सीट पर एक पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे चुनाव लड़ रहे हैं।

दिल्ली के पूर्व CM अरविंद केजरीवाल के सामने भाजपा ने 1996 से 1998 तक दिल्ली के CM रहे साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को उतारा है। वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार संदीप दीक्षित तीन बार CM रहीं शीला दीक्षित के बेटे हैं।

2008 में परिसीमन से पहले इस सीट का नाम गोट मार्केट हुआ करता था। इसी गोल मार्केट सीट से चुनाव जीतकर शीला दीक्षित पहली बार 1998 में मुख्यमंत्री बनीं और 2013 तक इस पद पर रहीं।

2013 के चुनाव में नई-नवेली आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से शीला दीक्षित को 25 हजार से ज्यादा वोटों से हराया और पहली बार CM बने। तब से केजरीवाल ही इस सीट से जीतते आ रहे हैं। 2020 में केजरीवाल को 61.4% वोट मिले थे। भाजपा के सुनील कुमार 28.5% वोट मार्जिन से हार झेलनी पड़ी थी।

भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा 2014 से 2024 तक पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं। साल 2013 में वे महरौली विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं। वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित 2004 से 2014 तक पूर्वी दिल्ली सीट से सांसद रहे हैं।

2. कालकाजी

साउथ दिल्ली की इस सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री आतिशी इस सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, भाजपा ने पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को टिकट दिया है। वे दक्षिणी दिल्ली सीट से 2 बार सांसद रह चुके हैं।

तीसरा मोर्चा कांग्रेस की तरफ से अलका लांबा ने खोल रखा है। कांग्रेस की स्टूडेंट विंग NSUI से राजनीतिक करियर शुरू करने वाली अलका 2015 में AAP के टिकट पर चांदनी चौक से विधायक बनी थीं। 2015 में यह सीट AAP के अवतार सिंह ने तो 2013 में भाजपा के हरमीत सिंह ने जीती थी। उससे पहले 15 साल तक इस सीट पर कांग्रेस के सुभाष चोपड़ा का कब्जा रहा था।

2020 में यह सीट जीतने से पहले आतिशी ने 2019 में पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, भाजपा के गौतम गंभीर से साढ़े चार लाख से ज्यादा वोटों से हार गई थीं। डिप्टी CM और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद आतिशी को ही शिक्षा मंत्री बनाया गया था।

भाजपा उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी सांसद बनने से पहले 2003 से 2014 तक तुगलकाबाद सीट से तीन बार विधायक रहे थे। वे दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष और महासचिव भी रह चुके हैं। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अलका लांबा महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वे दिल्ली यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।

3. जंगपुरा

पूर्वी दिल्ली लोकसभा में आने वाली इस सीट पर पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि, 2013 से वे पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़ते आए हैं। दरअसल, 2020 का चुनाव सिसोदिया मामूली अंतर से ही जीत पाए थे।

उन्होंने भाजपा उम्मीदवार रवींद्र सिंह नेगी को सिर्फ 3207 वोटों से हराया था। इस बार पटपड़गंज सीट से मनीष का जीतना मुश्किल लग रहा था। यही वजह है कि उन्हें जंगपुरा सीट से चुनाव में उतारा गया। पिछली बार AAP के प्रवीण कुमार ने यह सीट करीब 16 हजार के मार्जिन से जीती थी।

भाजपा की ओर से तरविंदर सिंह मारवाह मैदान में हैं। वे 1998 से 2013 तक तीन बार इस सीट से कांग्रेस विधायक रह चुके हैं। साथ ही उस समय की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के संसदीय सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं। वे जुलाई, 2022 में भाजपा में शामिल हुए थे और दिल्ली भाजपा सिख प्रकोष्ठ के प्रभारी हैं।

वहीं, कांग्रेस ने पूर्व मेयर फरहाद सूरी को टिकट दिया है। वे दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता और दरियागंज से 4 बार पार्षद रह चुके हैं। उनके पिता ताजदार बाबर भी विधायक रहे थे।

4. पटपड़गंज

इस सीट पर करीब 25% वोटर पहाड़ी हैं, जबकि 30% पूर्वांचल से हैं। 1993 से अब तक हुए 7 चुनावों में सिर्फ पहला चुनाव भाजपा ने जीता था। उसके बाद हर चुनाव में पार्टी दूसरे नंबर पर ही रही है।

AAP ने इस सीट पर टीचर से पॉलिटिशियन बने अवध ओझा को टिकट दिया है। वे करीब 22 साल से सिविल सेवा परीक्षा की कोचिंग दे रहे हैं। ओझा ने घोषणा की है कि चुनाव जीतने पर गरीब बच्चों को फ्री कोचिंग देंगे। इसके लिए उन्होंने QR कोड जारी किया है। स्टूडेंट QR कोड स्कैन करके फ्री कोचिंग का फॉर्म भर सकते हैं।

भाजपा ने उनके सामने उत्तराखंड के मूल निवासी रविंद्र सिंह नेगी को उतारा है। वे विनोद नगर वार्ड से निगम पार्षद हैं। नेगी पिछले साल अपने वार्ड के दुकानदारों से नाम पूछने और मुस्लिम दुकानदारों से दुकान के बाहर उनका नाम लिखने के लिए कहने पर विवाद में आए थे।

उन्होंने हिंदू दुकानदारों को भगवा झंडे भी बांटे थे ताकि हिंदू दुकानदारों की पहचान हो सके। पिछले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने नेगी को प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने AAP उम्मीदवार और तब के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को कड़ी टक्कर दी थी। मनीष सिर्फ 2.3% के वोट मार्जिन से जीत पाए थे।

वहीं, कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। वे 2008 से 2013 तक इस सीट से विधायक रहे थे। NSUI से पॉलिटिकल करियर शुरू करने वाले चौधरी कांग्रेस के सचिव भी रह चुके हैं।

5. ग्रेटर कैलाश

इस सीट से AAP की ओर से कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज चुनाव लड़ रहे हैं। उनके पास हेल्थ, फूड कंट्रोल, इंडस्ट्री जैसे कई अहम मंत्रालय रहे हैं। वे पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं। सौरभ 2013 से ही इस सीट पर जीतते आ रहे हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में करियर शुरू करने वाले सौरभ 2013 में केजरीवाल की 49 दिन की सरकार में भी मंत्री थे।

वहीं, भाजपा ने इस सीट पर एक बार फिर शिखा राय को उतारा है। वे 2020 में इसी सीट से और 2013 में कस्तूरबा नगर सीट से चुनाव हार चुकी हैं। अभी वे ग्रेटर कैलाश- 1 वार्ड से दूसरी बार निगम पार्षद हैं। शिखा 2023 में भाजपा की ओर से मेयर प्रत्याशी भी थीं, हालांकि नतीजे भाजपा के पक्ष में नहीं आए थे। शिखा प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष और महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं। उधर कांग्रेस ने भी 2020 में उम्मीदवार रहे सुखबीर सिंह पंवार को दोबारा मौका दिया है।

6. बाबरपुर

दिल्ली AAP अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री गोपाल राय इस सीट से मैदान में हैं। राय ने 2013 में अपना पहला चुनाव इसी सीट से लड़ा था लेकिन करीब 25 हजार वोटों से हारकर तीसरे नंबर पर रहे थे। जबकि 2015 का चुनाव 35 हजार से ज्यादा वोट से जीता और कैबिनेट मंत्री बने।

वहीं, भाजपा ने इस सीट से अनिल वशिष्ठ को उतारा है। पिछले 7 विधानसभा चुनावों में से 4 बार भाजपा ने इस सीट पर कब्जा जमाया है। हालांकि सीट पर करीब 35% मुस्लिम वोटर है। मुस्लिम वोट बंटने पर भाजपा को और हिंदू वोट बंटने पर कांग्रेस और AAP को फायदा होता है।

कांग्रेस ने पूर्व विधायक हाजी इशराक खान प्रत्याशी बनाया है। वे 2015 में AAP के टिकट पर सीलमपुर सीट से विधायक बने थे। माना जा रहा है कि साफ छवि के हाजी इशराक मुस्लिमों के अच्छे-खासे वोट अपने पाले में कर सकते हैं, जिसका खामियाजा गोपाल राय को भुगतना पड़ सकता है।

7. मुस्तफाबाद

इस सीट को AAP नहीं बल्कि भाजपा प्रत्याशी ने खास बनाया है। भाजपा ने पांच बार के विधायक मोहन सिंह बिष्ट को इस सीट से उतारा है। वे करावल नगर सीट से मौजूदा विधायक हैं। भाजपा ने वहां से कपिल मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है।

इससे नाराज मोहन ने बगावती तेवर अपना लिए थे और करावल नगर से ही चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। इसके बाद पार्टी ने उन्हें मुस्तफाबाद सीट से प्रत्याशी बनाया था।

वहीं, AAP ने पत्रकार रहे आदिल अहमद खान को उम्मीदवार बनाया है। वे एशिया की सबसे बड़ी फल-सब्जी मंडी कही जाने वाली आजादपुर मंडी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। आदिल अन्ना आंदोलन के समय भी सक्रिय रहे थे और बाद में पत्रकारिता छोड़कर AAP में शामिल हो गए थे।

कांग्रेस ने यहां के पूर्व विधायक हसन अहमद के बेटे अली मेहदी को उतारा है। मेहदी 2020 में भी इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। वे 2022 में एक दिन में दो बार पार्टी बदलने के बाद चर्चा में आए थे। दिल्ली कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे मेहदी ने 9 दिसंबर की सुबह दो पार्षदों के साथ AAP जॉइन की और देर शाम कांग्रेस में वापसी कर ली।

इसके अलावा दिल्ली दंगों के आरोपी और AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने कैंडिडेट घोषित किया है।

8. करावल नगर

यह सीट भाजपा का गढ़ रही है। सात में से छह बार भाजपा का प्रत्याशी यहां से जीतता आया है। सिर्फ 2015 AAP के टिकट पर कपिल मिश्रा यह सीट जीतने में कामयाब रहे थे। इसके बाद 2017 तक कैबिनेट मंत्री भी रहे थे।

काफी सियासी उठापटक के बाद 2019 में वे भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने इस दफा इन्हीं कपिल मिश्रा को मैदान में उतारा है। इस समय ने दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष भी हैं। AAP ने इस सीट से पूर्व पार्षद मनोज त्यागी को उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने डॉ पीके मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है।

9. मोती नगर

भाजपा ने इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना के बेटे हरीश खुराना को टिकट दिया है। मदनलाल 1993 से 1996 तक दिल्ली के CM रहे थे। उस समय वे इसी सीट से विधायक थे।

मदनलाल 2003 में भी इस सीट से विधायक चुने गए थे। हरीश खुराना उनके सबसे छोटे बेटे हैं और इस समय दिल्ली भाजपा के सचिव हैं। इससे पहले हरीश पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और लंबे समय तक मीडिया सेल से जुड़े रहे हैं।

वहीं, AAP ने शिवचरण गोयल का टिकट रिपीट किया है। उन्होंने भाजपा के पूर्व विधायक सुभाष सचदेवा को 2020 में करीब 14 हजार वोट और 2015 में करीब 15 हजार वोट से हराया था। कांग्रेस ने राजिंदर नामधारी को प्रत्याशी बनाया है।

10. करोल बाग

भाजपा ने इस सीट से अपने राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम को उतारा है। वे राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं और काफी समय तक SC मोर्चा से जुड़े रहे हैं। इसके अलावा वे निगम पार्षद का चुनाव लड़कर हार चुके हैं। 2013 में दुष्यंत ने कोंडली विधानसभा से चुनाव लड़ा था, लेकिन AAP के मनोज कुमार से 7 हजार से ज्यादा वोट से हारे थे।

AAP ने तीन बार के विधायक विशेष रवि को फिर से मैदान में उतारा है। 2013 में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार और तीन बार से विधायक सुरेंद्र पाल रतावल को हराया था। कांग्रेस ने दिल्ली यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल धानक को टिकट दिया है।

11. बिजवासन

इस सीट पर भाजपा ने दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री और हाल ही में AAP छोड़कर पार्टी में शामिल हुए कैलाश गहलोत को उतारा है। उनके पास वित्त, परिवहन, राजस्व और कानून जैसे अहम मंत्रालय रहे हैं। वे 2015 से नजफगढ़ के विधायक हैं।

गहलोत दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट रह चुके हैं। वे 2005 से 2007 तक दिल्ली हाईकोर्ट बार काउंसिल की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के मेंबर भी रह चुके हैं। पिछले चुनाव में AAP के भूपिंदर सिंह जून भाजपा के सत प्रकाश राना से यह सीट सिर्फ 753 वोट से जीत पाए थे।

शायद यही वजह रही कि पार्टी उनकी जगह सुरेंद्र भारद्वाज को उतारा है। वे राजनगर से पार्षद हैं और 2013 में इसी सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं, कांग्रेस ने इसी सीट से विधायक रहे देवेंद्र सहरावत को टिकट दिया है। उन्होंने 2015 का चुनाव AAP के टिकट पर जीता था और दो बार के विधायक सत प्रकाश राणा को 19 हजार से ज्यादा वोट से हराया था।

12. गांधी नगर

इस सीट पर भाजपा ने अरविंदर सिंह लवली को उम्मीदवार बनाया है। लवली दिल्ली कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं और मई, 2024 में ही भाजपा में शामिल हुए थे। साल 2017 में भी वे कुछ महीनों तक भाजपा का हिस्सा रहे थे।

इसके अलावा वे ज्यादातर समय कांग्रेस में ही रहे हैं। लवली 1998 में पहली बार इसी सीट से विधायक बने थे। इसके बाद 2013 तक लगातार चार बार इस सीट से विधायक चुने गए। वे 2003 से 2013 तक शीला दीक्षित सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। इस दौरान शिक्षा और परिवहन जैसे कई अहम विभाग उनके पास रहे थे।

वहीं, AAP ने एक बार फिर नवीन चौधरी को टिकट दिया है। पिछले चुनाव में वे भाजपा के अनिल कुमार बाजपेयी से करीब 6 हजार वोटों से हारे थे। कांग्रेस ने कमल अरोड़ा को उम्मीदवार बनाया है।

13. रोहिणी

इस सीट से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता भाजपा की ओर से मैदान में हैं। छात्र राजनीति में सक्रिय रहे गुप्ता दिल्ली यूनिवर्सिटी के के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनकी चुनावी राजनीति की शुरुआत 1997 में निगम पार्षद चुने जाने से होती है।

इसके बाद वे रोहिणी वार्ड से तीन बाद पार्षद रहे। विजेंद्र दिल्ली भाजपा के सचिव और अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 2013 में उन्होंने अरविंद केजरीवाल और शीला दीक्षित के खिलाफ नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा था। करीब 18 हजार वोट के साथ वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

इसके बाद 2015 में रोहिणी सीट से विधायक चुने गए। उस चुनाव में भाजपा सिर्फ तीन सीटें ही जीत सकी थी। विजेंद्र ने AAP के राजेश नामा को करीब 12 हजार वोट से हराया था। इसके बाद अप्रैल, 2015 से अब तक नेता प्रतिपक्ष रहे।

AAP ने इस सीट पर प्रदीप मित्तल को उतारा है। वे रोहिणी- ए वार्ड से पार्षद हैं। कांग्रेस ने एक बार फिर सुमेश गुप्ता को टिकट दिया है। वे 2020 में भी इसी सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। तब उन्हें करीब 2 हजार वोट मिले थे और तीसरे स्थान पर रहे थे।

14. शकूर बस्ती

इस सीट से दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन AAP की ओर से मैदान में हैं। मई, 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार होने से पहले वे तीन बार दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री रहे थे। जैन सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट में काम करते थे, लेकिन एग्रीकल्चर कंसल्टेंसी फर्म खोलने के लिए नौकरी से इस्तीफा दे दिया था।

वे अन्ना आंदोलन में भी सक्रिय रहे और फिर AAP से जुड़ गए। 2013 में पहली बार पार्टी की सरकार बनी तो जैन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। भाजपा ने मंदिर प्रकोष्ठ के अध्यक्ष करनैल सिंह को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है। वे मुस्लिम समुदाय पर दिए गए बयानों के चलते कई बार विवादों में रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने सतीश लूथरा को टिकट दिया है।



Supply hyperlink

khabareaaptak.in
khabareaaptak.inhttps://khabareaaptak.in
Welcome to "khabareaaptak" – your go-to destination for the latest news and updates from around the world. We are committed to bringing you timely and accurate information across various categories, including politics, sports, entertainment, technology, and more.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments