
नवजात बच्ची
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दौसा और गंगापुर जिले की सीमा पर स्थित मेहंदीपुर बालाजी में मां ने ममता को शर्मशार करने का घिनौना काम किया है। बुधवार दोपहर डेढ़ बजे के करीब मेहंदीपुर बालाजी बाईपास पर खेतों में काम कर रहे मजदूरों ने बालाजी चौकी पुलिस को सूचना दी कि एक लावारिस नवजात बच्ची को उसकी मां जन्म देने के बाद छोड़कर चली गई।
लावारिस बच्ची की सूचना मिलने के बाद बालाजी चौकी प्रभारी सुरेश कुमार पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। जहां नवजात बच्ची कपड़े में लिपटी हुई मिली। इस दौरान पुलिस ने नवजात बच्ची को टोडाभीम अस्पताल में भर्ती कराया। जहां बच्ची की हालत सामान्य बताई गई है। वहीं, डॉक्टरों की देखरेख में नवजात बच्ची का इलाज जारी है। फिलहाल, बालाजी चौकी पुलिस लावारिस मिली बच्ची के परिजनों की तलाश में जुटी हुई है।
बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टर अमर सिंह मीना ने बताया कि बालाजी चौकी इंचार्ज एक नवजात बच्ची को लेकर अस्पताल में आए थे। ऐसे में नवजात को भर्ती कर उसका इलाज शुरू किया गया है। डॉक्टर ने बताया कि बच्ची की डिलीवरी 24 से 48 घंटे के बीच में हुई है। वहीं प्री-मेच्योर डिलीवरी भी बताई जा रही है। डॉक्टरों की माने तो प्री-मेच्योर बेबी का वजन 1,600 ग्राम है।
इधर, नवजात बच्ची अभी पूरी तरह स्वस्थ बताई जा रही है। हालांकि, प्री-मेच्योर डिलीवरी होने के कारण कारणों नवजात बच्ची डॉक्टर के ऑब्जर्वेशन में है। इधर, बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टर अमर सिंह ने बताया कि नवजात बच्ची के लगे मिले टैग से यह पता लगता है कि डिलीवरी किसी निजी अस्पताल में करवाई गई है।
उधर, बालाजी चौकी इंचार्ज सुरेश कुमार ने बताया कि बालाजी बाइपास पर खेत में मजदूर काम कर रहे थे। ऐसे में धूप ज्यादा होने के कारण मजदूर पास में ही बनी एक समाधि पर आराम करने के लिए बैठे थे तो उन्हें कपड़ों में लिपटी हुई नवजात बच्ची नजर आई, जिसके चलते मजदूर उस नवजात को देखकर सन्न रह गए। मासूम को यूं मरने के लिए छोड़ देने के कारण लोग कलयुगी मां बाप को कोसते हुए भी नजर आए। चौकी प्रभारी सुरेश कुमार कहा कि फिलहाल नवजात के परिजनों के बारे में जानकारी करने की कोशिश की रही है।