
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
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ग्रेटर नोएडा के थाना बीटा-2 क्षेत्र में ढाबा संचालक कृष्ण कुमार शर्मा के मासूम बेटे कुणाल (15) के अपहरण और हत्या की साजिश उसके मौसेरे भाई मनोज ने एक माह पहले ही रच डाली थी। एक मई को हत्यारोपियों ने वारदात को अंजाम दिया था। कुणाल की हत्या के पीछे मनोज का मकसद उसका ढाबा और 25.5 लाख रुपये की रकम हथियाना था। चूंकि कुणाल की हत्या के बाद उनके अपने सभी मकसद पूरे होते दिख रहे थे। इन्हीं वजहों के चलते आरोपियों ने कुणाल की नोएडा सेक्टर-128 स्थित जेपी विसटाउन के फ्लैट में पहचानने और विरोध करने के बाद सिर दीवार से पटककर हत्या कर दी थी।
पुलिस ने वारदात में शामिल बुलंदशहर के गांव व थाना अगौता निवासी हिमांशु चौधरी, थाना कासना के गांव डाढ़ा निवासी कुनाल भाटी को बुधवार की रात गिरफ्तार किया था। जबकि बृहस्पतिवार को मुख्य आरोपी और मृतक कुणाल के मौसेरे भाई मायचा की मडैया निवासी मनोज शर्मा और हिमांशु की प्रेमिका रोहतक निवासी एमबीबीएस छात्रा तन्वी को गिरफ्तार कर लिया। तन्वी दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में मेडिकल चतुर्थ वर्ष की छात्रा है।
गुरुवार को नॉलेज पार्क स्थित पुलिस उपायुक्त कार्यालय पर पत्रकार वार्ता में संयुक्त आयुक्त बबलू कुमार ने बताया कि मनोज ने अपने मौसा कृष्ण शर्मा से 23 लाख रुपये लेकर शिवा ढाबा खरीदा था। जिसके चलते यह पूरी तरह मनोज शर्मा का ही था। ब्याज पर 23 लाख रुपये लेने के बाद उसका ब्याज भी कई माह तक न चुका पाने के कारण मनोज ने कृष्ण शर्मा कुमार को अपना साझीदार बना लिया। मनोज के लापरवाही वाले रवैये को देखते हुए कृष्ण शर्मा ने अपने पैसे मांगे और जब रकम न मिली तो ढाबा को अपनी ओर कर लिया। इसके बाद कृष्ण शर्मा ने अपने बेटे कुणाल के साथ मिलकर उसे चलाना शुरू कर दिया। मनोज का एक दोस्त बुलंदशहर निवासी हिमांशु है और उसका भी ढाबा पर आना हो गया था। मनोज के माध्यम से ही कृष्ण शर्मा से हिमांशु को 2.5 लाख रुपये ब्याज पर दिलवाए थे। हालांकि गारंटी के तौर पर इसके एवज में अपनी ब्रेजा कार को गिरवी रख दिया था।
एक माह पहले मनोज ने अपने दोस्त हिमांशु, डाढ़ा गांव निवासी कुणाल भाटी व हरियाणा-रोहतक निवासी महिला मित्र तन्वी के साथ मिलकर प्लान बनाया था कि यदि कुणाल शर्मा को मार दिया जाए तो कृष्ण शर्मा अकेला पड़ जाएगा। इसके बाद ढाबा वापस मनोज के पास आ जाएगा और हत्या में शामिल लोगों को भी पार्टनर बना लिया जाएगा। इसी के चलते हत्या को अंजाम दिया गया। हिमांशु ने बुलंदशहर निवासी एक दोस्त से उसकी स्कोड़ा कार मांगी। इस कार पर पुलिस को गुमराह करने के लिए आरोपियों ने काली फिल्म व स्टीकर लगवाएं और नंबर प्लेट तक बदल दी। साक्ष्यों से छेड़खानी की जिससे जांच करने वाले गुमराह होते रहें। वारदात वाले दिन मनोज घटना स्थल से थोड़ी दूर खड़ा होकर सब देख रहा था। जबकि एमबीबीएस की छात्रा तन्वी सहित तीनों आरोपियों ने अपहरण की घटना को अंजाम दिया।