
कांग्रेस के दलबीर गोल्डी आप में शामिल
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संगरूर संसदीय सीट पर इस बार कांग्रेस को बड़े चेहरों की किल्लत का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस को खासतौर पर विधानसभा क्षेत्रों में पहली कतार के नेताओं की जरूरत रहेगी।
वर्तमान दौर में पूर्व मुख्यमंत्री बीबी राजिंदर कौर भट्ठल ही यहां पर कांग्रेस के साथ चट्टान की तरह खड़ी दिखाई दे रही हैं, जबकि अन्य दिग्गज नेताओं ने या तो दूसरे दलों की तरफ रुख कर लिया है या सक्रिय नहीं हैं। हालांकि, संगरूर से कांग्रेस के तेजतर्रार नेता सुखपाल सिंह खैरा के मैदान में आने से पार्टी समर्थक खासे उत्साहित हैं और उनकी बैठकों में भीड़ भी दिख रही है, लेकिन विधानसभा क्षेत्रों को संभालने में कांग्रेस को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष व पूर्व विधायक दलबीर सिंह गोल्डी की ओर से आप का दामन थामने के बाद कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ती दिखाई दे रही हैं।
कांग्रेस छोड़ने का सिलसिला जारी
नेताओं की ओर से कांग्रेस को छोड़ने का सिलसिला पिछले एक दशक से चल रहा है। पिछले एक दशक के दरमियान कई बड़े नेता कांग्रेस का हाथ छोड़कर अन्य दलों के शामिल हो चुके हैं। कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने करीब आठ साल पहले कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थामा था। करीब दो साल पहले वरिष्ठ नेत्री दामन बाजवा ने कांग्रेस को अलविदा कहते हुए भाजपा जॉइन की थी। छात्र राजनीति के बाद कांग्रेस में अहम पदों पर रहे राजिंदर दीपा, अब अकाली दल में हैं।
सुरजीत सिंह धीमान भी सक्रिय नहीं
नवजोत सिंह सिद्धू खेमे के माने जाते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व दो बार के विधायक सुरजीत सिंह धीमान भी सक्रिय दिखाई नहीं दे रहे हैं। हालांकि, उनके भतीजे जसविंदर सिंह सुनाम की राजनीति में सक्रिय हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री व पूर्व सांसद विजयइंदर सिंगला को पार्टी ने इस बार आनंदपुर साहिब सीट पर भेज दिया है। ऐसे में कांग्रेस समर्थकों को एक सूत्र में बांधे रखने के लिए पहली कतार के नेताओं की जरूरत रहेगी। बहरहाल, चुनावी मौसम में सियासत का मिजाज हर पल बदलता दिखाई दे रहा है। इससे मतदाता भी असमंजस में हैं और आने वाले समय में संगरूर के मतदाता अपने इंकलाबी मिजाज से सियासी दलों को नींद उड़ा सकते हैं।