Saturday, March 15, 2025
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Climate Alert: Meals Can Turn into Costly Due To Warmth Wave Due To This Veg Non-veg Thali Expensive – Amar Ujala Hindi Information Dwell


Weather Alert: Food can become expensive due to heat wave due to this veg non-veg Thali costly

Climate Replace
– फोटो : Amar Ujala

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भारत में खुदरा महंगाई में भले ही नरमी देखने को मिल रही है, लेकिन आम लोगों की परेशानियां इसके बाद भी जस की तस बनी हुई हैं। बढ़ते तापमान और जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले दिनों में आम आदमी को खाने की थाली के लिए ज्यादा दाम चुकाना पड़ सकते हैं।

दरअसल, इस वर्ष मौसम पर जलवायु परिवर्तन का ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। पिछले वर्षों के मुकाबले कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है। अप्रैल से ही राज्यों में हीटवेव का प्रकोप दिख रहा है। भारतीय मौसम विभाग ने कहा भी है कि इस साल अप्रैल से जून के बीच एक्सट्रीम हीट वेव वाले दिनों की संख्या 10-20 दिनों से ज्यादा रह सकती है। यह पिछले साल की तुलना से लगभग दोगुनी है। बढ़ते तापमान का असर लोगों के शरीर के साथ खाने की थाली पर भी नजर आएगा। अधिक गर्मी के कारण गेहूं जैसे जरूरी अनाज के साथ साथ कॉफी, डेयरी और मछली तक की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। आपूर्ति प्रभावित होने से बाजार में इनकी उपलब्धता पर असर होगा, जो सीधे भोजन की थाली पर असर दिखाएगी।

अमर उजाला से चर्चा में कृषि वैज्ञानिक डीके तिवारी कहते हैं कि जैसा की मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि इस बार अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों ही नए स्तर को छुएंगे। यह मनुष्य के अस्तित्व के लिए अनुकूल सीमा को भी पार कर जाएगा। लू चलने के कारण न केवल शाकाहारी और मांसाहारी थाली की कीमतें बढ़ेंगी, बल्कि इनके स्वाद भी अलग हो सकते हैं। इसके अलावा कई खाद्य वस्तुओं के दामों में भी उछाल नजर आ सकता है। मौजूदा आपूर्ति श्रृंखला में भी बदलाव देखने को मिल सकता है।

जून तक बढ़ सकते हैं सब्जियों के दाम

कृषि मंत्रालय के मुताबिक, रबी के सीजन में प्याज का उत्पादन 190.5 लाख टन रहने का अनुमान है। यह पिछले साल से 20 फीसदी कम हैं 2023-24 के लिए पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक, बागवानी फसलों का कुल उत्पादन 35 करोड़ 53 लाख टन होने का अनुमान है। 2022-23 में उत्पादन 35.55 करोड़ टन था। आजादपुर मंडी के वेजिटेबल ट्रेडर्स एसोसिएशन के लोगों का कहना है कि अभी फिलहाल सब्जियों के दाम कम हुए हैं। लेकिन जैसे ही तापमान में तेजी आएगी, सब्जियों के दामों बढ़ सकते हैं। पिछले साल अप्रैल से इस साल मार्च तक, खाने-पीने की चीजों के महंगा होने में सब्जियों का योगदान करीब 30 फीसदी रहा है।

गेहूं के उत्पादन में आ सकती है कमी

गैर सरकारी संगठन अनचार्टर्ड वाटर्स की ताजा रिसर्च के अनुसार, सर्दियों के बाद तेज गर्मी कई गेहूं उत्पादक राज्यों में इसकी पैदावार में लगभग 20 फीसदी की कमी ला सकती है। इससे ओवरऑल गेहूं के उत्पादन में 5 से 10 फीसदी की कमी आ सकती है। शोध के मुताबिक, पारा जितना चढ़ता है, फसलों की खराबी की संभावना उतनी ही बढ़ती जाती है। गर्मियों में कई जगह कोल्ड स्टोरेज की सुविधाएं ठीक नहीं होने से फलों और सब्जियों के खराब होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।





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