Saturday, March 15, 2025
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Bihar News : Congress Party Ex Bihar State President Anil Sharma Resigned Before Lok Sabha Election 2024 – Amar Ujala Hindi News Live


Bihar News : Congress party ex bihar state president anil sharma resigned before lok sabha election 2024

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा।
– फोटो : अमर उजाला डिजिटल

विस्तार


बिहार में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कांग्रेस के 39 वर्षों का साथ छोड़ते हुए पार्टी को अलविदा कह दिया। अनिल शर्मा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा है कि “मैं राजद से गठबंधन का विरोधी हूं। कांग्रेस का राजद से गठबंधन आत्मघाती है। कांग्रेस ने राजद से गठबंधन कर अक्षम अपराध किया है।”

राष्ट्रीय अध्यक्ष को ‘बेचारा’ और ‘रिमोट कंट्रोल से कंट्रोल’ होने वाला बताया

इस्तीफा देते हुए अनिल शर्मा ने सबसे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे पर हमला किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे एक बेचारा अध्यक्ष हैं। कोई छोटे बड़े फैसले खड्गे जी नहीं ले सकते हैं। उनसे कोई मिलने जाता है तो वह कहते हैं आप राहुल जी से बात करो, आप वेणु गोपाल से बात करो। अब आप इससे अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि खड्गे जी रिमोट कंट्रोल से कंट्रोल हो रहे हैं बेचारे खड्गे जी।

कांग्रेस के कथनी और करनी में अंतर

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की कार्यशैली को देखकर ऐसा लगता है कि इनके कथनी और करनी में बहुत अंतर है। उन्होंने कहा कि नाम का तो लोकतांत्रिक चुनाव हुआ, लेकिन सच्चाई में वह चुनाव नहीं हुआ। कम से कम सीताराम केसरी जी बिहार के थे, वह तो 92% वोट से जीते थे, लेकिन आंतरिक लोकतंत्र जिस पार्टी का खुद नहीं है, वह लोकतंत्र बचाने की लड़ाई करती है या लड़ाई लड़ती है। स्वाभाविक है इस बात को जनता समझेगी कि कांग्रेस के कथनी और करनी में कितना अंतर है।

राहुल गांधी के मोहब्बत की दूकान पर जमकर बोले

 कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने राहुल गांधी के मोहब्बत की दूकान पर भी खूब बोला। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा नाम देकर कन्याकुमारी से यात्रा शुरू किये। इस यात्रा के दौरान एक नारा निकला मोहब्बत की दुकान। मैं समझता हूं कि अगर सचमुच में राहुल गांधी जी  मोहब्बत की दुकान का असर देखना चाहते थे और उसे जनता को लाभान्वित करना चाहते हैं या चाहते थे तो राहुल गांधी जी को जम्मू कश्मीर, जहां आतंक की पराकाष्ठा है, जहां एक समुदाय सिर्फ और सिर्फ घृणा की राजनीति करता है नफरत की राजनीति करता है, ऐसी सोच रखता है, वहां जाकर राहुल गांधी जी को मोहब्बत की दुकान लगानी चाहिए थी। अनिल शर्मा ने कहा कि अगर एक साल भी कोई आतंकी गतिविधि ना हो, किसी की हत्या नहीं हो तो मुझे लगता है कि एक राज्य में मोहब्बत की दुकान का सामान बेचने से राहुल गांधी को नोबेल प्राइज मिल सकता है। लेकिन सड़क पर मोहब्बत की दुकान का कोई असर दिखना चाहिए ना। जैसे अभी मणिपुर से शुरू हुआ, हमें तो लगता है कि अभी मणिपुर से मुंबई जाने के बजाय राहुल गाँधी को मणिपुर में कैंप करना चाहिए था। जिन दोनों पक्षों में जिनके बीच झगड़ा हो, उनके बीच अपनी मोहब्बत की दुकान लगानी चाहिए थी। मोहब्बत की दुकान का मतलब है दोनों के बीच विश्वास जीतना। दोनों को एक दूसरे के प्रति मोहब्बत पैदा करना और जोड़ना, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

 



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