
मधेपुरा में चाय पर चर्चा।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
चौथी लोकसभा चुनाव में लोगों ने पहली बार मधेपुरा लोकसभा सीट के लिए मतदान किया था। 1967 में मधेपुरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अस्तित्व में आया। अब तक दो बार परिसीमन कर इस लोकसभा में विधानसभा क्षेत्रों को बदला गया। कहा जाता है कि रोम है पोप का और मधेपुरा है गोप का। इस सीट से आज तक केवल यादव जाति के ही सांसद बने हैं। इस सीट से मंडल आयोग के अध्यक्ष रहे बीपी मंडल पहले सांसद बने थे। लालू प्रसाद दो बार और शरद यादव चार बार सांसद रह चुके हैं। इस बार जदयू प्रत्याशी और वर्तमान सांसद दिनेश चंद्र यादव और पूर्व सांसद डॉ. रविंद्र कुमार यादव के बेटे पुत्र डॉ. चंद्रदीप के बीच कड़ी टक्कर है।
इस समय ‘अमर उजाला’ का चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ भी बिहार में है और अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत मधेपुरा में लोगों से बातचीत करने के लिए पहुंच चुका है। शहर के पूर्णिया गोला चौक के पास चाय पर चर्चा के बहाने वोटरों से उनके मन की बात पूछी जा रही। समझा जा रहा है कि वह चाय की चुस्की के साथ मधेपुरा लोकसभा सीट की किन बातों पर विमर्श कर रहे हैं।