Tuesday, July 15, 2025
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Bihar Lok Sabha Election 2024 Voting Cast Percentage In Aurangabad Lok Sabha Seat Election Commission Report – Amar Ujala Hindi News Live


Bihar Lok Sabha Election 2024 Voting Cast Percentage in Aurangabad Lok Sabha Seat Election Commission Report

मतदाता।
– फोटो : अमर उजाला डिजिटल

विस्तार


औरंगाबाद जिले में लोकसभा चुनाव 2024 में यातायात के साधनों के अभाव का असर वोटिंग पर पड़ा। इस वजह से औरंगाबाद के मदनपुर प्रखंड में लंगुराही पहाड़ के दुर्गम जंगली इलाके के ढकपहरी गांव के मात्र चार वोटर ही वोट डाल पाए। इस गांव में कुल 38 मतदाता हैं और इनका बूथ इनके गांव से करीब 12 किमी. दूर राजकीय मध्य विद्यालय छालीदोहर- सड़ियार में स्थित है, जिसका बूथ नंबर 367 है।

सीआरपीएफ का है कैंप 

अति नक्सल प्रभावित इस इलाके में सीआरपीएफ का कैंप है और कैंप तक जाने के लिए सड़क भी नक्सल ऑपरेशन को संचालित करने के उदेश्य को पूरा करने के लिए ही बनी है। इस रास्ते में पड़ने वाले लंगुराही, पचरुखिया, ढ़कपहरी एवं अन्य गांवों के लोग इसी रास्ते का आवागमन के लिए इस्तेमाल करते हैं। इस इलाके के लोगों के लिए पैदल ही सफर करना नियति है क्योंकि सड़क होने के बावजूद टेम्पो जैसे छोटे वाहन तक नहीं चलते हैं। इसी वजह से इस रास्ते का इस्तेमाल करते हुए गांव के 38 में से महज चार वोटर 18 किमी. की दूरी पैदल तय कर बूथ पर आए और लोकतंत्र के मतदान के महापर्व में अपनी भूमिका का निर्वहन किया।

यातायात के साधनों का अभाव झेल रहे नक्सल प्रभावित इलाके

एक समय वह भी था जब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़कें नही थी। इस कारण नक्सलियों को भी अपनी गतिविधियों को अंजाम देने में सहुलियत होती थी। इतना ही नही अपनी गतिविधियों को सुगमता से संचालित करने के लिए नक्सली बनी-बनाई सड़कों को भी काट कर मार्ग को अवरुद्ध कर दिया करते थे। परिस्थितियां बदली नक्सल इलाकों में सीआरपीएफ, कोबरा, एसएसबी और स्थानीय पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन शुरू हुआ। इलाके में सशस्त्र बलों के कैंप स्थापित हुए। नक्सल ऑपरेशन के संचालन के लिए सड़के भी बनी। सड़कों के बनने से यातायात के लिए सुगम मार्ग उपलब्ध हुआ लेकिन यातायात के साधनों की कमी रह गई। आज भी कमी है। इस वजह से मतदान के दिन ही नही सुदूरवर्ती दुर्गम जंगली- पहाड़ी इलाकों के लोग आज भी पैदल यात्रा करने पर मजबूर है।  

मुख्यमंत्री वाहन अनुदान लोन योजना का दायरा बढ़ाना जरूरी

हालांकि राज्य में ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री वाहन अनुदान सह लोन योजना है। इस योजना का अधिकाधिक लाभ यदि नक्सल ग्रस्त इलाके के बेरोजगार युवाओं को मिले तो वह इस योजना के तहत टेम्पो जैसे छोटे वाहन खरीद सकते हैं। ऐसा होने से ऐसे इलाकों में सड़क मार्ग के यातायात का सुगम साधन उपलब्ध हो सकता है और लोगों को सुविधा हो सकती है।

 



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