ग्वालियर11 मिनट पहले
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फाइल फोटो
- SDM ने तत्कालीन तहसीलदार के आदेश पर दिया स्टे
ग्वालियर में यौन प्रताड़ना का आरोप झेल रहे सिटी सेंटर तहसील के तत्कालीन तहसीलदार पर अब फर्जी आदेश कर निजी जमीन को शासकीय बताने का आरोप लगा है। चार अप्रैल को तत्कालीन तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने प्रकरण नंबर 03/23-24/ बी-121 पारित कर केदारपुर की एक जमीन को शासकीय माने जाने का आदेश दिया, लेकिन आदेश में रजिस्टर्ड प्रकरण नंबर जो दिया गया है वही नंबर RCMS (रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम) पर किसी गिरजा नाम की महिला का आर्थिक सहायता का प्रकरण है। ऐसे में जमीन मालिक ने आदेश को फर्जी बताकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इसमें तत्कालीन तहसीलदार द्वारा आदेश 4 अप्रैल 2024 को पारित किया गया है। जबकि आदेश का प्रकरण नंबर पोर्टल में 15 अप्रैल को रजिस्टर्ड हुआ है। ऐसे में तत्कालीन तहसीलदार को पहले से कैसे प्रकरण नंबर मिल गया। हालांकि जमीन मालिक की अपील और आदेश में तमाम त्रुटियों पर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी झांसी रोड ने स्टे दे दिया है। यहां तत्कालीन तहसीलदार ने एसडीएम पर दबाव में स्टे देने की बात तक कह दी है।

जिस प्रकरण नंबर से जमीन को शासकीय बताया वह आर्थिक सहायता का निकला
ग्वालियर में छह अप्रैल को एक सनसनीखेज मामला सामने आया था।