पंकज सिंगटा/ शिमला: कला किसी भी कलाकार की कल्पना का एक दृश्य होता है. इस कल्पना को कैनवस या कागज पर उतरना उतना ही मुश्किल है. जितना उसकी कल्पना करना. एक फोटोग्राफर से चित्रकार बने अंशुल ने हिमाचली टोपी पहने एक युवा, हिमाचली वस्त्रों में अपना काम करती एक बुजुर्ग महिला, हिमाचल का प्रसिद्ध ठोठा नृत्य करता एक व्यक्ति और हिमाचली घरों को बहुत सुंदर ढंग से कैनवास पर उतारा है. इनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स की खुबूसरती देखते ही बनती है. अंशुल एक इंडिपेंडेंट आर्टिस्ट हैं. एग्जीबिशन या सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं.
Local18 से बातचीत में अंशुल ने कहा कि वह करीब 12 सालों से चित्रकला कर रहे हैं. इस कार्य की शुरुआत फोटोग्राफी से की थी. वह कैमरे से तस्वीरें खींच कर उन्हें कैनवस पर बनाते थे. फोटोग्राफी के समय से ही वह लोगों के एक्सप्रेशन को समझते थे और उन्हे नोटिस करते थे.
पेंटिंग बनने में लगता है कितना समय
अंशुल ने बताया कि यदि दिन में 4 से 6 घंटे काम किया जाए तो एक पेंटिंग बनाने में उन्हे करीब 2 सप्ताह का समय लग जाता है. ऑयल पेंटिंग के अलावा वह चारकोल पेंटिंग भी बनाते है. इस बार उनके द्वारा बनाई गई चारकोल पेंटिंग्स में उनके एक साथी के द्वारा एंब्रॉयडरी भी बनाई गई है, जो देखने में बहुत खूबसूरत लग रही है. चारकोल पेंटिंग के मुकाबले ऑयल पेंटिंग को बनाने में ज्यादा समय लगता है.
क्या है पेंटिंग की कीमत
अंशुल ने बताया कि उनकी पेंटिंग अमूमन 10 हजार से ऊपर की कीमत की रहती है. यह पेंटिंग्स अमूमन चारकोल पेटनिंग होती है. उन्होंने पहली बार 40 हजार की कीमत की ऑयल पेंटिंग बनाई है, जिसे लेकर लोगों में काफी ज्यादा उत्साह देखने को मिला है. आगे भी वह इस प्रकार की ऑयल पेंटिंग को बनाना जारी रखेंगे. इस तरह की पेंटिंग में हालांकि मेहनत काफी ज्यादा लगती है, लेकिन उसका परिणाम भी उतना ही सुंदर होता है.
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FIRST PUBLISHED : April 19, 2024, 18:41 IST