सत्यम कुमार/भागलपुर : भरणी नक्षत्र बहुत ही शक्तिशाली और महत्वपूर्ण नक्षत्र माना गया है. इस वर्ष यह नक्षत्र 27 अप्रैल को लगने जा रहा है. इस दिन सूर्य गोचर भी लगने जा रहा है. इस नक्षत्र में कई लोगों पर सकारात्मक तो कई लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं.
आपको बता दें कि भरणी नक्षत्र का स्वामी ग्रह शुक्र है. भरणी नक्षत्र एक नए जीवन चक्र की शुरुआत के साथ जुड़ा हुआ है. यह जन्म, निर्माण और प्रजनन क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है. इस नक्षत्र में पैदा हुए लोग रचनात्मक, महत्वाकांक्षी और स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं. यह वैशाख मास के कृष्ण पक्ष के त्रितया तिथि को लगने जा रहा है. इस दिन भगवान सूर्य रात्रि के 12 बजे भरनी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. भरणी नक्षत्र के स्वामी शुक्र है. ज्योतिष में शुक्र और सूर्य की शत्रुता बताई गई है.
जानें किन अक्षर के लोगों को बचना चाहिए
जब भरनी नक्षत्र को लेकर पंडित गुलशन झा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 27 अप्रैल से 11 मई तक भगवान सूर्य भरनी नक्षत्र में ही रहेंगे. उन्होंने बताया कि भरनी नक्षत्र में कुछ नाम के लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने बताया कि इसमें भरनी, कृतिका व रोहणी नक्षत्र वाले लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने बताया कि ल, अ, इ, ऊ, ए, व, से जिनका नाम प्रारम्भ होता है उस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. ऐसे में इन नाम वाले लोगों को बचकर रहना चाहिए.
इन चीजों से बचें
पंडित ने बताया कि इन लोगों को कुछ चीजों से सावधानी बरतनी चाहिए. उन्होंने बताया कि अग्नि, बिजली, गैस चूल्हा, पानी इत्यादि चीजों से बचकर रहना चाहिए. अगर ये नाम वाले लोग घर बनाने के लिए सोच रहे हैं तो 11 मई तक नहीं बनाए.
सूर्य की उपासना करना चाहिए
ये लोग भगवान सूर्य की पूजा जरूर करें. इसके साथ ही ये लोग अपने घर के खिड़की, दरवाजे खुले रखें ताकि उनका उचित प्रकाश घर मे आते रहे. इतना ही कुछ देर इनलोगों को शरीर पर धूप जरूर लगाना चाहिए. इससे भगवान सूर्य का नकारात्मक प्रभाव इन लोगों पर नहीं पड़ेगा.
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FIRST PUBLISHED : April 21, 2024, 20:02 IST