बुरहानपुर के अंबाड़ा क्षेत्र के किसानों ने कमाई का एक नया जरिया खोज लिया है। वे प्याज के बीज का उत्पादन कर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं। इस क्षेत्र में 30 से ज्यादा प्रगतिशील किसान इस काम में लगे हैं।
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प्याज के बीज की खेती नवंबर में शुरू होती है। किसान क्यारियां बनाकर बुवाई करते हैं। छह महीने में पौधे बड़े होकर लोटिए बन जाते हैं। इनमें काले रंग के बीज तैयार हो जाते हैं। कटाई और सुखाई के बाद बीज बाजार में भेजे जाते हैं।
जिले के 150 किसान कर रहे बुवाई
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संदीप कुमार के अनुसार जिले में 250 हेक्टेयर में रबी की फसल होती है। करीब 150 किसान इसकी बुवाई करते हैं। एक एकड़ में 4 से 5 क्विंटल उपज मिलती है। खेती में 65 से 70 हजार रुपए का खर्च आता है। बाजार में अच्छे दाम मिलने पर दो लाख रुपए से ज्यादा का मुनाफा हो जाता है।
टिटगांव कला के किसानों के मुताबिक बीज 2500 से 3000 रुपए प्रति किलो तक बिकता है। अंबाड़ा, हिंगना, टिटगांव कला, उमरदा सहित 15 से अधिक गांवों में किसान बीज तैयार कर रहे हैं।
हरियाणा, गुजरात सहित अन्य प्रदेशों में भी मांग
यहां के किसान बिना पेस्टीसाइड के प्याज का बीज तैयार करते हैं। इसकी गुणवत्ता इतनी अच्छी है कि मध्य प्रदेश के अलावा हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली और पंजाब में भी इसकी मांग है। डॉ. कुमार ने किसानों को सलाह दी है कि वे संतुलित उर्वरक के साथ देसी खाद का प्रयोग करें। इससे बीज की गुणवत्ता और बेहतर होगी।