Final Up to date:
Monsoon Fruit Chhatiya: छतरपुर का छतिया ताकत का भंडार है. इस मानसूनी फल का इस्तेमाल सब्जी से लेकर खीर तक में किया जाता है. जानें आम भाषा में इसका नाम…
हाइलाइट्स
- छतिया मानसून में मिलने वाला फल है
- इसे कमल गट्टा या कच्चा मखाना भी कहते हैं
- छतिया से सब्जी और खीर बनाई जाती है
Monsoon Furit: बरसात का मौसम शुरू हो गया है. ऐसे में बाजार में एक बरसाती फल की एंट्री हो गई है. यह फल सिर्फ बरसात के दिनों में ही दिखता है. इस फल के बारे में ज्यादातर लोगों को नहीं पता. एमपी के छतरपुर में इसे छतिया नाम से जाना जाता है. यह बारिश के मौसम में पानी से ही निकलता है. खास बात ये कि मानसून सीजन में इसके बीजों को भी लोग खूब खाना पसंद करते हैं. इसकी सब्जी और खीर भी बनाई जाती है.
बरसात में आता है ये फल
राहुल बताते हैं कि जून के आखिरी दिनों में ये फल बाजार में आना शुरू हो जाता है. साल के सिर्फ कुछ ही दिन ये फल खाने को मिलता है.
राहुल बताते हैं कि ये फल कमल के फूल से ही निकलता है. तालाब से तोड़ना पड़ता है. इस समय तालाबों में कमल बहुत खिल रहे हैं, इसलिए कमल गट्टे भी आसानी से तोड़ने को मिल जाते हैं. बाजार में फिलहाल 70 से 80 रुपये किलो इसकी बीजी बिकती है.
जिला अस्पताल के बाहर भी दुकान लगाता हूं
राहुल बताते हैं कि कमल गट्ट जिला अस्पताल के बाहर ही बेचा करता हूं. क्योंकि ब्लड प्रेशर के मरीज ये सबसे ज्यादा खरीदते हैं. डॉक्टर उन्हें कमल गट्टा के बीज खाने की सलाह देते हैं. आज वहां जगह नहीं थी तो अभी यहां लगा लिया है. मंदिरो के बाहर भी लगा लेता हूं. कमल गट्टा की बीजी की तासीर ठंडी होती है.
राहुल बताते हैं कि इसके बीजों को पीसकर सब्जी और खीर भी बनाई जाती है. शहर के लोगों का तो नहीं पता लेकिन हम तो इसकी सब्जी और खीर बनाकर खाते हैं.