दुर्गेश सिंह राजपूत/नर्मदापुरम. शनिदेव वर्तमान में कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं. पिछले महीने 18 मार्च को शनि देव उदय हो गए हैं, जिस कारण एक बार फिर से उनका प्रभाव तेज हो गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कोई ग्रह अस्त होता है तो उसका प्रभाव कम हो जाता है, लेकिन जैसे ही वह उदय होता है, उस ग्रह के प्रभाव में तेजी आ जाती है.
कुछ ऐसा ही शनिदेव के साथ हुआ है. उदय होने के बाद शनिदेव फिर से प्रभावी हो गए हैं, जिससे खासकर उन पांच राशियों के जीवन में बदलाव आएंगे, जिनकी ढैय्या और साढ़ेसाती चल रही है. इन पांच राशियों में कर्क व वृश्चिक पर ढैय्या तो मकर, कुंभ और मीन पर साढ़ेसाती का प्रभाव है. ऐसे में इन राशियों को अब कुछ उपाय जरूर करने चाहिए.
बढ़ने लगा शनि का प्रभाव
ज्योतिषाचार्य पं. पंकज पाठक ने Native 18 को बताया कि शनि ग्रह सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने गए हैं. इसके कारण इनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर लंबे समय तक रहता है. साथ ही, शनिदेव ढाई वर्षों में अपनी राशि बदलते हैं. जब शनिदेव सूर्य के एक निश्चित अंश पर करीब आते हैं तो वह अस्त हो जाते हैं. शनिदेव का अस्त और उदय होना भी व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालता है. शनिदेव अभी हाल ही में अस्त अवस्था से उदय हुए हैं, जिससे उनके प्रभाव में अब बढ़ोतरी शुरू हो गई है.
इन राशियों पर शनिदेव की साढ़ेसाती
शनिदेव के कुंभ राशि में उदय होने के कारण मकर, कुंभ एवं मीन राशि वालों पर साढ़ेसाती का प्रभाव बढ़ जाएगा. शनिदेव की साढ़ेसाती जब किसी राशि पर पड़ती है, तो इनके जीवन में तमाम तरह की परेशानियां आने लगती हैं. कार्यों में आसानी से सफलता हासिल नहीं होती है. मकर राशि के जातकों का कार्यक्षेत्र में मानसिक तनाव बढ़ जाएगा. कुंभ एवं मीन राशि वालों को धन संबंधी परेशानियां एवं दुर्घटना का खतरा रहेगा.
इन राशियों के व्यक्ति पर ढैय्या
वहीं शनि के उदय होने से कर्क एवं वृश्चिक राशि वालों पर ढैय्या का प्रभाव पहले के मुकाबले बढ़ सकता है. इन राशि के लोगों को नौकरी या बिजनेस में काम का बोझ व तनाव का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही भागदौड़ ज्यादा रहेगी. जीवन में लड़ाई-झगड़े बढ़ सकते हैं. ऐसे में इन राशि के व्यक्ति को संभलकर रहना होगा.
अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय
शनिवार के दिन शनिदेव के दर्शन करें. साथ ही शनिवार को काले तिल, तिल का तेल, काले कंबल, काली उड़द के साथ जूते-चप्पल का दान करें. मंगलवार एवं शनिवार के दिन हनुमानजी के मंदिर जाकर पूजा करें. शनिदेव के पास सरसों के तेल का दीपक और तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करने से आप के ऊपर शनिदेव की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होगा. बिगड़ते हुए काम बनने लगेंगे.
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FIRST PUBLISHED : April 3, 2024, 14:24 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Native-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.