अभिनव कुमार, दरभंगा: पारंपरिक फसलों से हटकर किसान अब नए-नए तरीके से खेती के गुर सीख रहे हैं. दरभंगा जिला के किसान भी इसी राह पर अग्रसर हैं. यहां भी किसान अब काले गेहूं की खेती करने लगे हैं और इसका रकवा बढ़ने के साथ उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि हो रही है. काले गेहूं को स्वास्थ्य के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है. काले गेहूं की रोटी को भी चिकित्सक लोगों को खाने की सलाह देते हैं. हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का मानना है कि हार्ट अटैक में काले गेहूं के आटा से बनी रोटी बेहद फायदेमंद होता है. इसके अलावा बीपी और हाई ब्लड शुगर में भी यह औषधि रूप में कार्य करता है.
लंबे रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने काले गेहूं को किया है विकसित
दरभंगा डीएमसीएच में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत DM कार्डियोलॉजी डॉ. ज्योति प्रकाश कर्ण ने लोकल 18 को बताया कि आजकल जो लोग खाना खाते हैं उसमें न्यूट्रिएंट्स की वैल्यू बहुत कम होती जा रही है, क्योंकि बहुत दिनों से जिन अनाज को खाने में इस्तेमाल करते हैं, उसपर कोई रिसर्च नहीं हुआ है. लंबे समय तक चले रिसर्च के बाद काले गेहूं को विकसित किया गया है.
यह मोहाली में विकसित हुआ है और वैज्ञानिकों ने काफी मेहनत से इसे विकसित किया है. इसमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स प्रचूर मात्रा में पाया जाता है. यह केवल हार्ट ही नहीं पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है.
काले गेहूं में एंथोसायनिन की मात्रा भी होती है अधिक
डॉ. ज्योति प्रकाश कर्ण ने लोकल 18 को बताया कि काले गेहूं मेंप्रचूर मात्रा में एंटीऑक्सीनट पाया जाता है. जो शरीर के सेल्स के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इसके अलावा काले गेहूं में एंथोसायनिन की मात्रा भी अधिक होती है जो कि ब्लड शुगर से लेकर ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, कैंसर, मानसिक तनाव, एनिमेनिया जैसे बीमारियों के रोकथाम में कारगर है.
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इन तमाम बीमारियों के बचाव के लिए काले गेहूं के आटे की रोटी खा सकते हैं.उन्होंने बताया कि इन दिनों हार्ट, बीपी और ब्लड शुगर के मरीज को काले गेहूं के आटे का सेवन करने की सलाह देते हैं.
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FIRST PUBLISHED : Could 1, 2024, 14:20 IST