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Mind Most cancers Remedy: यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने ब्रेन कैंसर के इलाज के लिए दवा खोज निकाली है. शोधकर्ताओं ने कई महीने की मेहनत के बाद इसे तैयार करने में सफलता पाई है. यह दवा ब्रेन कैंसर से पीड़ित…और पढ़ें

एएमयू के मेडिकल के डॉक्टरो ने तैयार की ब्रेन कैंसर की दवा
हाइलाइट्स
- एएमयू ने ब्रेन कैंसर की नई दवा विकसित की.
- कीमोथैरपी से अधिक प्रभावी है एआरएसएच-क्यू.
- पहले चरण का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हुआ.
अलीगढ़: यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने ब्रेन कैंसर के इलाज के लिए दवा खोज निकाली है. एएमयू के जवहार लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के इंटरडिसिप्लिनरी ब्रेन रिसर्च सेंटर में ब्रेन कैंसर के उपचार के लिए इसे तैयार किया गया है. शोधकर्ताओं ने कई महीने की मेहनत के बाद इसे तैयार करने में सफलता पाई है.
शोधकर्ताओं ने पहले चरण का ट्रायल सफलता पूर्वक पूरा भी कर लिया है. इसका पेटेंट भी कराया है. एएमयू मे विकसित किए गए इस नए यौगिक ‘एआरएसएच-क्यू’ को भारतीय पेटेंट प्रदान किया गया है. शुरूआत में किए गए परीक्षण में इस दवा ने शोधकर्ताओं को बेहतरीन रिजल्ट दिए हैं, जिसके बाद तेजी से इसके काम को पूरा किया जा रहा है.
अब कीमोथैरपी की नहीं पड़ेगी जरूरत
जानकारी देते हुए एएमयू के डॉ. मेहदी हयात शाही ने बताया कि यह यौगिक जेएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के इंटरडिसिप्लिनरी ब्रेन रिसर्च सेंटर और एप्लाइड केमिस्ट्री विभाग ने एक साथ मिलकर तैयार किया है. गहन शोध और परीक्षण के बाद इसे तैयार किया गया है. उन्होंने बताया कि एआरएसएच-क्यू ने ब्रेन कैंसर कोशिकाओं को रोकने में असाधारण क्षमता दिखाई है. विशेष रूप से उन स्टेम कोशिकाओं को जो रेडिएशन और कीमोथेरेपी के प्रति प्रतिरोधक होती हैं. यह दवा ब्रेन कैंसर को दोबारा होने और मृत्यु दर को कम करने में अधिक प्रभावी है. यह दवा ब्रेन कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध होने वाली है.
शोधकर्ता 2005 से ब्रेन कैंसर पर कर रहे शोध
ब्रेन कैंसर की दवा खोजने में अहम रोल निभाने वाले डॉ. मेहदी हयात शाही 2005 से ब्रेन कैंसर पर शोध कर रहे हैं. उनकी टीम में डॉ. मुशीर अहमद, अरिफ अली, मो. मुजम्मिल, बासरी और स्वालीह पी. शामिल है. शोधकर्ताओं का उद्देश्य एक ऐसी दवा विकसित करना था, जो वर्तमान मानक कीमोथेरेपी दवा, टेमोजोलोमाइड से अधिक प्रभावी है. लगातार प्रयास के बाद एआरएसएच-क्यू का विकास किया है.
पशुओं पर होगा ट्रायल
ब्रेन कैंसर की दवा तैयार करने वाले डॉ. मेहदी हयात शाही ने बताया कि पहले चरण के ट्रायल में दवाई ने काफी बेहतर परिणाम दिए हैं. दूसरे चरण में इस दवा का ट्रायल पशुओं पर किया जाएगा. पहले पशुओं में ब्रेन कैंसर के सेल को डेवलप किया जाएगा, इसके बाद इस दवा का प्रयोग किया जाएगा. दूसरे चरण के ट्रायल के बाद यह दवा फाइनल ट्रायल के लिए क्लीनिकल ट्रायल पर भेजी जाएगी. तीसरे चरण का ट्रायल सफल होने के बाद इसे आधिकारिक अनुमति दी जाएगी. मरीजों के लिए दवा का इस्तेमाल करने की ऑफीशियल अनुमति मिलने के बाद इसे मरीजों पर इस्तेमाल किया जाएगा. शुरूआत मे मरीजों से अंडरटेकिंग लेने के बाद ही उन्हें दवा दी जाएगी. यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है.