वासू चौरे, अजय कुमार पटवा, भोपाल/जबलपुर/उज्जैन. मध्य प्रदेश में स्कूल और किताब विक्रेता आम जनता की जेब पर डाका डाल रहे हैं. प्रदेश में निजी स्कूल और किताब विक्रेताओं के बीच कमीशन का खेल होता है. इसके चलते स्कूल प्रबंधन पैरेंट्स को एक निर्धारित दुकान से ही किताब, कॉपियां और अन्य सामग्री खरीदने के लिए मजबूर करते हैं. दुकानदार कई गुना दाम बढ़ाकर पैरेंट्स यह सामग्री बेचते हैं. इसका मुनाफा सभी में बांटा जाता है. इसे देखते हुए प्रशासन ने अब सख्त रुख अपना लिया है. प्रशासन ने जबलपुर और भोपाल में कई स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की है. बता दें, बीते सालों में इस मामले की सैकड़ों शिकायतें आईं, लेकिन प्रशासन ने महज औपचारिकता निभाई और कोई कार्रवाई नहीं की.
अब जबलपुर में जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है. प्रशासन ने यहां एक तरफ मनमानी और कमीशनखोरी करने वाले 34 स्कूलों पर प्रकरण दर्ज किया है, वहीं दूसरी तरफ किताब विक्रेताओं की भी जांच शुरू कर दी है. एसडीएम, तहसीलदार, शिक्षा विभाग के अधिकारी और जीएसटी विभाग के अधिकारी मिलकर दुकानों पर छापा मार रहे हैं. अधिकारियों ने जबलपुर में जहां किताब, कॉपी और अन्य शिक्षण सामग्री की कीमतों की जांच की. इस दौरान यह भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि निजी स्कूल और दुकानदारों के बीच आखिर किस तरह की सांठ-गांठ है.
इस तरह सेट होता है कमीशन
बता दें, जबलपुर में निजी स्कूल अपनी पसंद की दुकानों को चुनते हैं. यहां कमीशन सेट किया जाता है और फिर कक्षावार किताब कॉपियों की लिस्ट बनाकर दी जाती है. निजी स्कूल शासन द्वारा तय पुस्तकों और पठन सामग्री की बजाय प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबों को ज्यादा महत्व देते हैं. इनकी कीमतें कई गुना होती हैं. निजी स्कूलों द्वारा हर साल सिलेबस और यूनिफॉर्म बदल दी जाती है. शिक्षा विभाग के अधिकारी भी शिक्षा के इस व्यवसाय में शामिल होते हैं. यही वजह है कि कभी कोई कार्यवाही नहीं होती.
भोपाल-उज्जैन में भी कार्रवाई
दूसरी ओर, भोपाल में भी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एनके अहिरवार, सहायक संचालक डॉ. अभिषेक बैस ने भी कई दुकानों को कार्रवाई करने की चेतावनी दी. यहां पैरेंट्स ने बताया कि उन्हें स्कूल से पर्ची मिली है कि इन्हीं दुकानों से सामान, कॉपी-किताब और यूनिफॉर्म खरीदनी है. इसी तरह उज्जैन में भी कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने निजी स्कूल संचालकों को हिदायत दी है कि विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को अनावश्यक पुस्तकें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य न करें. स्कूल संचालकों को पुस्तकें, फीस ,यूनिफॉर्म सहित अन्य दिशा निर्देशों के संबंध में जानकारी दी गई. यहां फ्लाइंग स्क्वाड इस मामले की जांच करेगी. जो नियमों को नहीं मानेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : April 4, 2024, 17:20 IST