Tuesday, July 15, 2025
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सांप को दूध पिलाना सही या गलत? पुण्य कमाने के चक्कर में बहुत लोग कर देते हैं ये पाप, सच कर देगा हैरान


इंदौर. सिर्फ फिल्मों में ही नहीं, असलियत में भी लोग सांप को दूध पिलाते हैं. नागपंचमी, शिवरात्रि या सावन के दिनों में ऐसे दृश्य आम होते हैं, जब बड़ी संख्या में लोग सांपों को दूध पिलाते नजर आते हैं. इसका सीधा संबंध हिंदू धर्म से भी है, क्योंकि हिंदू धर्म में सांपों को देवता का दर्जा दिया गया है. स्वयं महादेव सर्प को अपने गले से लगा कर रखते हैं. लेकिन, इन सब बातों से इतर, क्या वाकई में सांप दूध पीता है?

सांपों को दूध पिलाने की घटनाओं या मान्यताओं की पैठ समाज में गहरे तक हैं. यही वजह है कि ज्यादातर लोगों का यही मानना है कि सांप दूध पीता है. मगर, विज्ञान इसे भ्रांति मानता है. जीव वैज्ञानिकों का कहना है कि सांप दूध पीता ही नहीं. जी हां, विज्ञान के अनुसार, सांप एक सरीसृप वर्ग का मांसाहारी जीव है. ये अपने आहार में मेंढक, चूहा, पक्षियों के अंडे और दूसरे जीव का मांस निगल जाता है, लेकिन स्वेच्छा से दूध कभी नहीं पीता.

अगर दूध पी ले सांप तब…
मध्य प्रदेश के इंदौर जू के क्यूरेटर निहार परुलेकर ने Local 18 को बताया कि लोगों को करतब दिखाने के लिए सपेरे सांप को भूखा-प्यासा रखते हैं. भूखे-प्यासे सांप को जब दूध मिलता है, तो वह इसे पी लेता है. फिर ये दूध सांप के फेफड़ों में घुस जाता है और उसे निमोनिया हो जाता है. ऐसे में सांप मर जाता है. इसके बावजूद, हम सभी अंधविश्वास में सांप को दूध चढ़ाते हैं.

इसलिए दूध पीता है सांप
निहार ने आगे बताया कि सपेरों द्वारा सांप के दांत को तोड़कर उनका मुंह सिल दिया जाता है. फिर कई दिनों तक भूखा रहने के बाद जो भी भोजन खासकर दूध मिलता है, सांप ग्रहण कर लेता है और उसकी मृत्यु हो जाती है. क्योंकि ये दूध उसके लिए जहर बन जाता है. जंगलों से पकड़े जाने वाले सांपों में ज्यादातर भारतीय कोबरा और सैंडबुवा होते हैं.

सांप पकड़ने पर इतनी बड़ी सजा
निहार आगे बताते हैं कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत सांप शेड्यूल वन श्रेणी के प्राणी हैं. सांप मारना या पकड़ना, डिब्बे में बंद करना, विष की थैली निकालना, चोट पहुंचाना, प्रदर्शनी लगाना कानूनन अपराध है. अधिनियम के तहत पहली बार सांपों के पकड़ने पर तीन साल की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है. वहीं, अगर दोबारा सांपों के साथ पकड़े गए तो सात साल की सजा और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगता है. बीते कुछ सालों में इंदौर और उसके आसपास के इलाकों से कई सपेरों से सांपों को आजाद कराया गया है. शहर के कई युवा इसमें रुचि दिखाते हुए जागरूकता भी फैलाते हैं.

Tags: Indore news, Local18, Snake, Wildlife news in hindi



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