पंकज सिंगटा/शिमलाः नगर निगम शिमला अवैध डंपिंग को लेकर अब सख्त हो गया है. आने वाले समय में नगर निगम डंपिंग के लिए कुछ साइट्स का चयन करेगा और केवल उन्हीं चिन्हित साइटों पर डंपिंग हो पाएगी. इसके एवज में डंपिंग करने वालों को निगम को एक मामूली फीस देनी होगी. इसके बाद यदि कोई भी व्यक्ति अवैध डंपिंग करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान ने लोकल 18 को बताया कि अवैध डंपिंग गंभीर विषय है. इसके खिलाफ अब नगर निगम शिमला सख्त हो चुका है. नगर निगम कुछ साइट्स का चयन करने जा रहा है, जहां लोग एक मामूली फीस देने के बाद डंपिंग कर पाएंगे. यदि इसके बाद भी कोई अवैध तरीके से डंपिंग करता हुआ पाया जाता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पर्यावरण को बहुत ज्यादा नुकसान
सुरेंद्र चौहान ने कहा कि अवैध डंपिंग आपदा में हुए नुकसान का एक बहुत बड़ा कारण रही है और इस पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है. अवैध डंपिंग से जंगलों और पर्यावरण को बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है. इस कारण बरसात के दौरान नाले रुक जाते हैं. ड्रेनेज सिस्टम ब्लॉक हो जाते हैं. इसे लेकर फॉरेस्ट एक्ट बहुत स्ट्रॉन्ग है और उसमे भारी पेनल्टी का भी प्रावधान है. साथ ही नगर निगम के एक्ट में भी सख्त कार्रवाई को लेकर बदलाव किए जाएंगे. महापौर द्वारा फॉरेस्ट विभाग को भी लिखा गया है कि फ्लाइंग स्क्वायड बनाएं और ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करें.
डंपिंग के लिए कई साइट का चयन
महापौर ने बताया कि डंपिंग के लिए कुछ साइट्स का चयन होगा, जिसमें नगर निगम द्वारा एफसीएस का केस बनाया गया है. इस केस के अप्रूव होने के बाद नगर निगम द्वारा आउटसोर्स या टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से एजेंसी को हायर किया जाएगा. इस एजेंसी का मोबाइल नंबर डिस्प्ले किया जाएगा और जिसे भी डंपिंग की आवश्यकता होगी, वह उस नंबर पर संपर्क कर सकता है. यह नंबर 24 घंटे चालू रहेगा और किसी भी समय कोई भी व्यक्ति संपर्क कर पाएगा. डंपिंग के लिए हम लोगों को सुविधाएं देने जा रहे हैं और इसके बाद अवैध डंपिंग का कोई कारण नहीं बनेगा.
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FIRST PUBLISHED : March 27, 2024, 20:14 IST