Monday, June 23, 2025
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रब ने बना दी जोड़ी…64 साल की उम्र में कर्नल ने पत्‍नी को दी ट्रेनिंग, लोगों ने मारे ताने, दुनिया कर रही सलाम


अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ: कहते हैं कि एक सफल आदमी के पीछे औरत का ही हाथ होता है. हालांकि एक सफल महिला के पीछे भी एक आदमी का ही हाथ होता है. यह कहावत लखनऊ के रहने वाले आर्मी से रिटायर्ड कर्नल बजरंग सिंह के ऊपर बिल्कुल सटीक बैठती है. उन्‍होंने आर्मी से रिटायरमेंट के बाद अपनी पत्नी आशा सिंह के साथ राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इतनी मैराथन जीती हैं कि दुनिया भर में यह जोड़ी बेहद मशहूर हो गई है.

इस जोड़ी के पास लगभग 300 से ज्यादा मेडल और 100 से ज्यादा ट्रॉफी हैं. 64 वर्षीय बजरंग सिंह और 58 वर्षीय आशा सिंह जब इस उम्र में भी अपने से 15 और 20 साल छोटे एथलीटों को मैराथन में हरा देते हैं, तो सब हैरान हो जाते हैं. यही वजह है कि इस सुपरहिट जोड़ी को देखकर कई लोग डरते भी हैं और कई लोग उनके हौसले को तोड़ने के लिए उन्हें ताने भी मारते हैं. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कहते हैं कि इस उम्र में अब आराम करना चाहिए. हालांकि सभी तानों को नजरअंदाज करके यह जोड़ी लगातार आगे बढ़ रही है और विदेश में देश का नाम रोशन कर रही है.

इस तरह शुरू हुआ सफर
कर्नल बजरंग सिंह ने बताया कि आर्मी से 2014 में उनका रिटायरमेंट हो गया था. फिर और दो साल के लिए उन्होंने आर्मी ज्वाइन की थी. पुणे में उनकी आखिरी पोस्टिंग रही. वहां पर दोनों सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक करते थे. किसी ने सलाह दी कि आप दोनों वॉक तो करते ही हैं. फिजिकली फिट भी हैं तो आप दोनों मैराथन में हिस्सा लें. फिर 10 किलोमीटर की उस मैराथन में दोनों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था. यहीं से सफर शुरू हुआ. इसके बाद फुल मैराथन होनी थी, जिसमें बजरंग सिंह ने आशा सिंह को मना कर दिया था. यह सोच कर कि शायद वह न कर पाएं. इस मैराथन में बजरंग सिंह को पोडियम मिला था. फिर हैदराबाद में जब मैराथन हुई तो उसमें आशा सिंह ने फुल मैराथन करके जीत हासिल की थी.

कार ने मार दी थी टक्कर, फिर भी नहीं मानी हार
साल 2020 में बोस्टन मैराथन में हिस्सा लेने गए थे, लेकिन कोविड-19 की वजह से वो मैराथन निरस्त हो गई थी. उसी दौरान उनकी पत्नी आशा सिंह को अमेरिका में ही एक कार ने टक्कर मार दी थी, जिसमें वह बुरी तरह चोटिल हो गई थीं. वहां से इलाज कराकर भारत लौटे और फिर से दौड़ शुरू की. इस बार आशा सिंह पहले से ज्यादा मजबूत होकर लौटी और उन्होंने सर्किट रन मैराथन में दौड़ लगाकर सभी महिला और पुरुषों को पीछे छोड़ कर प्रथम स्थान हासिल किया था. बजरंग सिंह बताते हैं कि यहीं से उनका विश्वास दौड़ को लेकर अपनी पत्नी पर ज्यादा हो गया था. उन्होंने अपने ऊपर ध्यान न देकर आशा सिंह को ही आगे बढ़ाने का फैसला किया. आज राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तमाम मैराथन में हिस्सा लेकर यह जोड़ी लोगों के बीच में चर्चा का विषय बनी हुई है.

महिलाएं इस क्षेत्र में बढ़ रही हैं आगे
आशा सिंह ने कहा कि आज वह जिस मुकाम पर भी हैं, अपने पति की वजह से हैं क्योंकि उनके पति ही उनके कोच हैं. इस क्षेत्र में महिलाएं काफी तेजी से आगे बढ़ रही हैं. पहले लोगों को लगता था कि महिलाएं इतनी दौड़ नहीं लगा पाएंगी, लेकिन अब हर उम्र की महिलाएं इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं. बजरंग सिंह ने बताया कि आने वाले वक्त में टोक्यो के साथ ही बर्लिन में होने वाली मैराथन के लिए वह खुद और आशा को तैयार कर रही है.

इस तरह रखते हैं सेहत का ध्यान
बजरंग सिंह ने बताया कि हम सेहत के लिए ड्राई फ्रूट्स खाते हैं. हरी सब्जियां खाते हैं. जबकि तेल और घी बहुत कम ही खाते हैं. साथ में ही सुबह और शाम दौड़ लगाते हैं. पानी ज्यादा से ज्यादा पीते हैं. इस वजह से इस उम्र में भी लगातार दौड़ लगाकर मैराथन जीत रहे हैं.

Tags: Local18, Lucknow news, Sports news, Success Story



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