Saturday, March 15, 2025
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मुंबई में पेट्रोल और डीजल वाहनों पर बैन लगाने की तैयारी, नई कमेटी गठित


Final Up to date:

मुंबई में पेट्रोल-डीजल वाहनों पर बैन की संभावना पर महाराष्ट्र सरकार ने 7 सदस्यीय पैनल गठित किया है. सुधीर कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में पैनल तीन महीने में रिपोर्ट देगा.

पेट्रोल और डीजल गाड़ियों पर लगेगा बैन ! सरकार कर रही तैयारी

एयर पॉल्यूशन पर लगाम कसने के लिए ये कदम उठाया गया है.

हाइलाइट्स

  • मुंबई में पेट्रोल-डीजल वाहनों पर बैन की संभावना.
  • सरकार ने 7 सदस्यीय पैनल गठित किया.
  • पैनल तीन महीने में रिपोर्ट देगा.

नई दिल्ली. दिल्ली के बाद अब ऐसा लग रहा है कि मुंबई भी पेट्रोल और डीजल दोनों कारों पर बैन लग सकता है. महाराष्ट्र सरकार ने अब इस मामले पर रिसर्च करने और मुंबई महानगर में पेट्रोल और डीजल व्हीकल्स पर बैन लगाने की संभावनाएं तलाशने के लिए पैनल का गठन किया है. इस पैनल में 7 सदस्य हैं. अधिकारी पेट्रोल और डीजल व्हीकल्स पर बैन लगाना चाहते हैं और महानगरीय क्षेत्र में केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को अनुमति देना चाहते हैं. शहर की बिगड़ती एयर क्वालिटी को कंट्रोल करने के लिए यह निर्णय लिया गया है.

मुंबई शहर के अलावा, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में ठाणे, रायगढ़ और पालघर जिले के क्षेत्र शामिल हैं. नए पैनल को आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार श्रीवास्तव लीड कर रहे हैं. टीम रिसर्च करेगी और तीन महीने में निष्कर्षों और सिफारिशों के साथ एक रिपोर्ट सौंपेगी.

इस रिसर्च को आयोजित करने का सरकारी प्रस्ताव इस साल 22 जनवरी को पारित किया गया था. प्रस्ताव में कहा गया है कि समिति के पास रिसर्च करने और फीडबैक देने के लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को साथी सदस्यों के रूप में शामिल करने की क्षमता है.यह सब तब शुरू हुआ जब बॉम्बे हाई कोर्ट ने 9 जनवरी को एक स्वत: संज्ञान जनहित याचिका की सुनवाई शुरू करने का फैसला किया. अदालत ने क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण और बढ़ती यातायात भीड़ पर चिंता व्यक्त की. इसने लोगों के लिविंग स्टैंडर्ड और पर्यावरण पर इन मुद्दों के प्रभाव पर भी सवाल उठाया.

हाई कोर्ट ने क्या कहा?
हाई कोर्ट ने कहा कि शहर में प्रदूषण का प्रमुख कारण वाहन हैं और कहा कि प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए मौजूदा उपाय काफी नहीं हैं. उच्च न्यायालय की टिप्पणी के बाद, राज्य सरकार ने यह रिसर्च करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का निर्णय लिया कि क्या पेट्रोल और डीजल व्हीकल्स पर बैन लगाना एक प्रैक्टिकल ऑप्शन है. समिति को यह जांच करने के लिए भी कहा गया था कि क्या MMR में केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को अनुमति देना फायदेमंद होगा.

पहले भी हुआ है कमेटी का गठन
इसके बाद सरकार ने नई कमेटी का गठन किया. यह पहली बार नहीं है जब महाराष्ट्र सरकार ने इस तरह का पैनल बनाया है. लगभग दो दशक पहले, राज्य सरकार ने मुंबई में वाहन प्रदूषण को संबोधित करने के लिए वीएम लाल समिति का गठन किया था. उस पैनल को पॉल्यूशन के कारणों और पब्लिक हेल्थ पर उनके प्रभाव की पहचान करने का काम सौंपा गया था. यह प्रदूषण को कम करने के उपाय सुझाने के लिए भी जिम्मेदार था.

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