मंडी (हिमाचल प्रदेश). भारतीय जनता पार्टी ने देश की दूसरी सबसे बड़ी संसदीय सीट मंडी लोकसभा से बॉलीवुड क्वीन कंगना रणौत (Kangana Ranaut) को टिकट दिया है. कंगना पहली बार चुनावी मैदान में उतर रही हैं. साल 2021 में हुए उपचुनाव में मंडी लोकसभा सीट (Mandi Lok Sabha Seat) से कंगना रणौत के चुनाव (Elections) लड़ने की चर्चाओं का बाजार गर्म था. लेकिन उस समय भाजपा ने कारगिल हीरो कुशाल ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया था.
2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर काफी समय पहले से कंगना रणौत की इस बार चुनावी मैदान में होने की हर मंच से आवाज उठ रही थी. यहां तक कि कंगना के चुनाव लड़ने के चर्चाओं के बाजार में प्रदेश भाजपा के बड़े नेता भी बॉलीवुड अभिनेत्री के चुनाव लड़ने की ओर कहीं ना कहीं इशारा करते हुए नजर आ रहे थे. अब भाजपा हाईकमान ने लोकसभा प्रत्याशियों की पांचवीं सूची में इन चर्चाओं को विराम देते हुए कंगना राणौत को आखिरकार मंडी संसदीय सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है.
बीते साल ही स्पष्ट कर दिया था चुनाव के बारे में
बीते साल नवंबर माह में कंगना रनौत ने गुजरात के द्वारका में मीडिया से बातचीत में स्पष्ट कर था कि अगर भगवान की कृपा रही तो वह जरूर चुनाव लडेंगी. जिसके बाद कंगना के चुनाव लड़ने की खबरों का बाजार गर्म हो गया था. इसके बाद बीते साल ही 12 दिसंबर को कंगना रणौत ने बिलासपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी. बीते दिनों कंगना ने कुल्लू में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से उनके निवास पर मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद कंगना के चुनाव लड़ने की चर्चाओं ने और तेजी पकड़ ली थी.
पिता ने भी कही थी चुनाव लड़ने की बात
बीते साल दिसंबर माह में कंगना के पिता अमरदीप रनौत ने मीडिया को बयान देकर यह स्पष्ट कर दिया था कि उनकी बेटी चुनाव लड़ने जा रही है. बता दें कि कंगना के हिमाचल के अलावा गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, चंडीगढ़ से भी चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही थी. 2 दिन पूर्व शनिवार को 37वें जन्मदिवस के अवसर पर बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना राणौत कांगड़ा जिला के मां बगलामुखी के दरबार पहुंची थी. यहां पर मीडिया द्वारा मंडी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को लेकर कंगना से पूछे गए सवाल के जवाब में कंगना ने कहा था कि जो माता की कृपा होगी, वही उनके भाग्य में होगा.
मंडी जिला के भांबला की रहने वाली है कंगना
बता दें कि बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत मूलतः मंडी जिला के सरकाघाट उपमंडल के भांबला की रहने वाली हैं और उन्होंने एक घर मनाली में भी बनाया है. इनका जन्म 3 मार्च 1987 को हुआ है. प्रारंभिक शिक्षा के बाद कंगना ने दिल्ली से शिक्षा ग्रहण की है. 2006 में कंगना ने पहली फिल्म गैंगस्टर से बॉलीवुड में शुरुआत की थी. इनके पिता अमरदीप राणौत का अपना व्यवसाय है, वहीं माता आशा रणौत अध्यापिका हैं. कंगना की बड़ी बहन का नाम रंगोली चंदेल है.
सनातन धर्म के प्रचार की पोस्टों से सुर्खियां बटोरी
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रणौत यूं तो अपने बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती रही हैं. इसके अलावा सनातन धर्म की पोस्ट को लेकर भी कंगना राणौत काफी सुर्खियां में रहती हैं. सोशल मीडिया पर खुले तौर पर अपनी पोस्टों के जरिए कंगना सनातन धर्म का प्रचार करती रहती हैं. सनातन धर्म के प्रचार की इन पोस्टों से कंगना ने काफी सुर्खियां बटोरी है. कंगना स्वयं भी काफी धार्मिक प्रवृत्ति की है और आए दिन किसी न किसी मंदिर व धार्मिक स्थल से अपनी पोस्ट शेयर करती रहती है. 22 जनवरी रामलला प्राण प्रतिष्ठा के दिन कंगना ने अयोध्या में जय श्री राम के खूब नारे लगाए थे.
परदादा ने कांग्रेस पार्टी से जीता था चुनाव
भारतीय जनता पार्टी द्वारा बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना राणौत को मंडी लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाए जाने के बाद कंगना की राजनीतिक पारी की नई शुरुआत होगी. कंगना के पिता और दादा राजनीति में किसी भी रूप में सक्रिय नहीं थे, लेकिन उनके परदादा विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं. वहीं अब तीन पीढियों बाद में उनके परिवार में कोई राजनीतिक में कूदा है. कंगना के परदादा स्व. सरजू सिंह रणौत से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे थे तो वहीं कंगना भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर अपनी राजनीतिक पार्टी की शुरुआत करने जा रही है.इसके साथ ही भाजपा ने पहली बार मंडी संसदीय सीट ही नहीं प्रदेश की राजनीति में भी किसी महिला प्रत्याशी को चुनावी लोकसभा के चुनावी रण में उतारा है.

मंडी में उस दौरान भांबला सीट से कांग्रेस की तरफ से सरजू सिंह चुनकर आए थे. सरजू सिंह कंगना रनौत के परदादा थे.
कब से था परदादा विधायक
देश में प्रथम आम चुनाव साल 1952 में हुआ था. हिमाचल प्रदेश का यह पहला विधानसभा चुनाव था. तब वर्तमान कांगड़ा, कुल्लू , हमीरपुर, ऊना, लाहौल स्पीति आदि जिले प्रदेश का हिस्सा नहीं थे. उस दौरान प्रदेश में 36 सीटों पर चुनाव हुआ था और कांग्रेस ने यशवंत सिंह परमार के नेतृत्व में 35 सीट पर चुनाव लड़ा था।. और 24 पर जीत दर्ज की थी. 8 सीटों पर निर्दलीय जीते थे. उधर, 3 सीटें किसान मजदूर प्रजा पार्टी के हिस्से आई थी. उस समय मंडी में रिवालसर, भांबला, महादेव भी विधानसभा की सीटें हुआ करती थी. मंडी में उस दौरान भांबला सीट से कांग्रेस की तरफ से सरजू सिंह चुनकर आए थे. सरजू सिंह कंगना रनौत के पड़दादा थे. 1 नवम्बर 1956 को हिमाचल प्रदेश को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया और प्रेजिडेंट रूल के तहत इस प्रथम असेम्ब्ली को भंग कर दिया गया था.

कांगड़ा के बगलामुखी मंदिर में कंगना रनौत.
17 विधानसभा में कितने भाजपा के पास
मंडी लोकसभा सीट में 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. यहां पर मंडी जिले से 9 सीटों इस संसदीय क्षेत्र में हैं. जिनमें 9 की नौ सीटों पर भाजपा के विधायक जीते हैं. कुल्लू में चार विधानसभा सीटों में से दो विधानसभा, भरमौर सीट भाजपा के पास है. लाहौल स्पीति के पूर्व विधायक अब भाजपा में हैं. वहीं, रामपुर और किन्नौर सीट कांग्रेस के पास हैं. ऐसे में 17 सीटों में से 12 भाजपा के पास और चार कांग्रेस के पास है. ऐसे में कंगना रणौत के लिए बड़ी चुनौती नहीं है. अहम बात है कि प्रतिभा सिंह चुनाव लड़ने से इंकार कर चुकी है. कांग्रेस को मंडी से नए चेहरे की तलाश है.
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FIRST PUBLISHED : March 25, 2024, 08:52 IST