Monday, July 7, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
HomeStatesMadhya Pradeshइंदौर जू में बदला जानवरों का डाइट प्लान, कूलर की ठंडी हवा...

इंदौर जू में बदला जानवरों का डाइट प्लान, कूलर की ठंडी हवा के साथ ORS का घोल, रसीले फल


इंदौर. बढ़ती गर्मी के चलते इंदौर के चिड़ियाघर में वन्यप्राणियों के लिए ठंडक के इंतजाम कर दिए गए हैं. मौसम को लेकर अति संवेदनशील रहने वाले पक्षियों के खानपान में रसीले फल और इलेक्ट्रोलाइट शामिल किए हैं. सांप के पिंजरों में भी पानी के सकोरे और फव्वारे शुरू हो चुके हैं. शेर, बाघ और भालू के लिए कूलर लग चुके हैं तो सांभर के लिए दलदलीय क्षेत्र तैयार किया गया है. इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय (चिड़ियाघर) में हर तरह के पशु-पक्षी के लिए खास व्यवस्था की जा रही है.

चिड़ियाघर के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने Native 18 को बताया कि तेज गर्मी में पक्षियों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. वे मौसम के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं. वन्य प्राणियों को कृत्रिम तरह से ठंडक प्रदान की जाती हैं. जंगल में वे मौसम के अनुकूल स्थान खुद तलाश लेते हैं, इसलिए वहां कृत्रिम साधनों की जरूरत नहीं पड़ती है. तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंचने पर इस तरह के इंतजाम करने जरूरी हो जाते हैं.

जानवरों के लिए खास इंतजाम
उन्होंने बताया कि बाघ, शेर, तेंदुआ और भालू के बाड़े में तालाब भरने के साथ उनके पिंजरों में भी पानी डाला जाता है. हाथी को महावत दिन में दो बार नहलाता है. उसके बाड़े में बने 18 फीट गहरे गड्ढे में पानी है, ताकि हाथी उसमें बैठकर गर्मी से बच सकें. स्नेक हाउस के हर पिंजरे में फव्वारे लगाए जा रहे हैं, जिन्हें हर दो घंटे में चलाया जा रहा है. इससे पिंजरों में ठंडक रहेगी. हिरण, सांभर और चीतल के बाड़े में भी फव्वारे लगाए गए हैं. सांभर के बाड़े में दलदलीय क्षेत्र निर्मित किया है, क्योंकि सांभर को गर्मी में कीचड़ में बैठना अच्छा लगता है. बंदर, स्क्वीरियल मंकी व मार्मोसेट के लिए एक-एक कूलर लगाया है. शेर के लिए दो, बाघ, तेंदुआ और भालू के पिंजरे के बाहर एक-एक कूलर लगाया है.

रसीले फल और ठंडे कपड़े से बचाव
जू के क्यूरेटर निहार पारूलाकर बताते हैं कि गर्मियों में इंसान की तरह पशु पक्षियों के खानपान में भी बदलाव होता है. सबसे ज्यादा बदलाव पक्षियों की देखभाल को लेकर किया गया है. पक्षी विहार में दिन में दो बार फव्वारे चलाए जा रहे हैं. ईमू, शुतुरमुर्ग, कैसोवरी के पिंजरों में पानी का छिड़काव किया जा रहा है ताकि हरियाली और ठंडक बनी रही. अन्य पक्षियों के पिंजरों को कपड़े से ढका गया है और कपड़े पर दिन में दो बार पानी का छिड़काव किया जाता है. पक्षियों को रसीले फल दिए जा रहे हैं. उन्हें पानी में इलेक्ट्रोलाइट व मल्टी-विटामिन दिया जाता है. फल ताजा ही दिए जाते हैं ताकि खराब फलों से पक्षियों को फंगल इंफेक्शन न हो. शेर, बाघ, तेंदुआ को पानी में ओआरएस दिया जा रहा है. साथ ही पानी के छोटे छोटे कुंड हैं, जहां वह अठखेलियां करते नजर आ रहे हैं.

Tags: Indore information, Local18, Wildlife information in hindi



Supply hyperlink

khabareaaptak.in
khabareaaptak.inhttps://khabareaaptak.in
Welcome to "khabareaaptak" – your go-to destination for the latest news and updates from around the world. We are committed to bringing you timely and accurate information across various categories, including politics, sports, entertainment, technology, and more.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments